कांग्रेस नेता राहुल गांधी की असम यात्रा एक नए राजनीतिक विवाद का कारण बन गई है। गुवाहाटी में पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति के साथ बैठक के दौरान राहुल गांधी द्वारा मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को लेकर दिए गए कथित बयान पर सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री सरमा ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस नेता ने बैठक में उन्हें जेल भेजने की बात कही थी।
राहुल गांधी बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ गुवाहाटी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों के साथ कई अहम बैठकें कीं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह बैठकें आगामी रणनीति और संगठनात्मक मुद्दों पर केंद्रित थीं। हालांकि, इन बैठकों में राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक कथित बयान ने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक ट्वीट में आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने बंद कमरे में हुई कांग्रेस की बैठक में कहा — “लिख कर ले लीजिए, हिमंत बिस्वा सरमा को जेल जरूर भेजूंगा।” सीएम सरमा ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी खुद देशभर में दर्ज आपराधिक मामलों में जमानत पर हैं, और अब दूसरों को जेल भेजने की बात कर रहे हैं।
इस घटनाक्रम के बीच एक और राजनीतिक कदम ने चर्चा को और तेज कर दिया है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर को पुनः राज्य का दर्जा देने के लिए संसद के मानसून सत्र में विधेयक लाने का आग्रह किया है। उन्होंने अपने पत्र में यह मांग की कि सरकार जम्मू-कश्मीर के लोकतांत्रिक अधिकारों की बहाली की दिशा में ठोस कदम उठाए।
असम में कांग्रेस के लिए यह दौरा संगठन को सक्रिय करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री सरमा के आरोपों ने इसे एक नया राजनीतिक मोड़ दे दिया है। अब देखना यह है कि कांग्रेस पार्टी इस बयानबाज़ी पर क्या रुख अपनाती है और राहुल गांधी इस आरोप का जवाब कैसे देते हैं।
राहुल गांधी की असम यात्रा राजनीतिक रूप से संवेदनशील साबित हुई है। मुख्यमंत्री के बयान ने कांग्रेस के इरादों पर सवाल उठाए हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर को लेकर पत्र ने राष्ट्रीय राजनीति में नई चर्चा को जन्म दिया है। आने वाले दिनों में इस विवाद के और गहराने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।