प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सार्वजनिक रूप से कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए देश की सुरक्षा और पिछली सरकारों के रुख को लेकर गंभीर टिप्पणियां की हैं। पीएम मोदी ने मुंबई हमले (26/11) के बाद कांग्रेस की प्रतिक्रिया को लेकर सवाल उठाए और कहा कि उस समय कांग्रेस ने “घुटने टेके”। उन्होंने यह भी पूछा कि उस दौर में किन दबावों के कारण कार्रवाई नहीं की गई।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देश की सुरक्षा को लेकर हालिया उपलब्धियों और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की भी चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत की सुरक्षा बल सीमा पार जाकर कार्रवाई करने में सक्षम हैं और ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई देश की मजबूती का प्रतीक है।

मोदी ने अपने भाषण में यह भी बताया कि सुरक्षा मामलों में पिछली सरकारों की निष्क्रियता के कारण देश को नुकसान हुआ। उन्होंने यह जोर देकर कहा कि वर्तमान सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को पूरी स्वतंत्रता दी है और आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई सुनिश्चित की है।

विशेषज्ञों का कहना है कि पीएम मोदी के बयान का मकसद न केवल कांग्रेस की आलोचना करना है, बल्कि जनता और सुरक्षा एजेंसियों को यह संदेश देना भी है कि वर्तमान सरकार सुरक्षा मामलों में सक्रिय और निर्णायक है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पीएम मोदी द्वारा ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ करना और पिछले दौर में कांग्रेस की कार्रवाई पर सवाल उठाना आगामी चुनावी रणनीति का भी हिस्सा हो सकता है। यह बयान सुरक्षा, आतंकवाद और राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर सरकार की स्पष्ट स्थिति को सामने लाता है।

सुरक्षा और आतंकवाद के मामलों पर प्रधानमंत्री के बयान से यह भी साफ हुआ कि भारत अब आक्रामक रणनीति अपनाने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद सीमा पार से आने वाले खतरों के खिलाफ कार्रवाई और तेज हो सकती है।

प्रधानमंत्री के यह बयान न केवल विपक्षी दलों को चुनौती देते हैं, बल्कि आम जनता में भी सरकार की सुरक्षा नीति को लेकर भरोसा बढ़ाने का प्रयास करते हैं। जैसे-जैसे देश में सुरक्षा और आतंकवाद पर बहस बढ़ेगी, इन टिप्पणियों का राजनीतिक और रणनीतिक महत्व और स्पष्ट होगा।