प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देते हुए पाकिस्तान और चीन पर अप्रत्यक्ष निशाना साधा। पीएम मोदी ने साफ कहा कि जो देश प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि किसी भी देश को आतंकियों को संरक्षण नहीं देना चाहिए। इस दौरान ब्रिक्स नेताओं ने एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए, जिसमें वैश्विक आर्थिक सहयोग और निष्पक्ष व्यापार के समर्थन की बात कही गई।

दूसरी ओर, ब्रिक्स समिट के दौरान अमेरिकी नीतियों की आलोचना पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भड़क उठे। ट्रंप ने धमकी दी कि ब्रिक्स की नीतियों का समर्थन करने वाले देशों पर अमेरिका 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा सकता है। ट्रंप का यह बयान तब आया जब ब्रिक्स नेताओं ने एकतरफा टैरिफ नीतियों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों के उल्लंघन पर चिंता जताई थी। चीन ने अमेरिका के इस ऐलान की आलोचना करते हुए इसे व्यापार स्वतंत्रता के खिलाफ बताया।

तीसरी बड़ी खबर भारत के बिहार से जुड़ी है, जहां वोटर लिस्ट सत्यापन को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। इस मुद्दे पर अब तक पांच याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जा चुकी हैं, जिन पर 10 जुलाई को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि चुनाव आयोग की विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया असंवैधानिक है और इससे लाखों मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकते हैं। इस मुद्दे को लेकर तेजस्वी यादव, महुआ मोइत्रा, योगेंद्र यादव और अन्य नेताओं ने चिंता जताई है। वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।

चौथी खबर कर्नाटक के राजनीतिक संकट से जुड़ी है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कांग्रेस ने ओबीसी राष्ट्रीय सलाहकार परिषद का अध्यक्ष बनाया है, जिसे राज्य में संभावित नेतृत्व परिवर्तन के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। डीके शिवकुमार ने भी मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी इच्छा जताते हुए कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है। हालांकि, सिद्धारमैया ने दावा किया है कि उन्हें इस फैसले की जानकारी नहीं थी और कांग्रेस आलाकमान से स्पष्टता की मांग की है।

आखिरी खबर पाकिस्तान से है, जहां विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के बयान से सियासी हलचल मची हुई है। बिलावल भुट्टो ने भारत के साथ बेहतर रिश्तों की वकालत करते हुए कहा कि यदि भारत गंभीरता से बातचीत करे तो पाकिस्तान आतंकवादियों को सौंपने पर विचार कर सकता है। इस बयान पर लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद ने तीखा हमला बोला और बिलावल को “गद्दार” व “सच्चा मुसलमान नहीं” बताया। पाकिस्तान में कट्टरपंथी गुटों और आतंकी संगठनों में इस बयान को लेकर भारी नाराजगी देखी जा रही है।

इन पांच खबरों ने वैश्विक और राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। आने वाले दिनों में इन घटनाओं के असर और प्रतिक्रियाएं राजनीति, कूटनीति और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नए मोड़ ला सकती हैं।