महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों उठापटक का दौर है। एक तरफ राज ठाकरे की बीजेपी नेताओं से मुलाकात ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है, तो दूसरी ओर नितेश राणे के विवादित बयान, नाना पटोले पर संभावित कार्रवाई, और BMC चुनावों को लेकर बदलते फैसले ने राजनीति को गरमा दिया है। इसके बीच आदित्य ठाकरे को नई जिम्मेदारी दी गई है, जिससे साफ है कि चुनावी जंग से पहले हर दल अपनी रणनीति को धार दे रहा है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बीच हाल ही में मुंबई के ताज होटल में एक घंटे की सीक्रेट बैठक हुई। इस मुलाकात के बाद राज ठाकरे ने अपने पार्टी नेताओं के साथ रणनीतिक बैठक कर संभावित बीजेपी गठबंधन पर चर्चा की। यह बैठक ऐसे समय हुई है जब उद्धव और राज ठाकरे के पुनः साथ आने की चर्चा थी। ‘सामना’ अख़बार ने दोनों भाइयों की तस्वीर के साथ जनता के फैसले को सर्वोपरि बताया था। ऐसे में राज ठाकरे का रुख बदलना राजनीतिक समीकरणों को नया मोड़ दे सकता है।
फडणवीस पर टिप्पणी से गरमाई राजनीति
बीजेपी विधायक नितेश राणे के बयान ने एक और विवाद को जन्म दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस को “सबका बाप” बताया, जिससे विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। फडणवीस ने इस टिप्पणी से किनारा करते हुए खुद को “महाराष्ट्र का सेवक” बताया। वहीं, नारायण राणे ने अपने बेटे की भाषा को अनुचित ठहराते हुए बयान को नज़रअंदाज करने की कोशिश की।
नाना पटोले और BMC चुनाव पर विपक्ष की घेराबंदी
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को बच्चों का वीडियो गेम बताया, जिससे बीजेपी भड़क उठी है। संबित पात्रा और शिवसेना नेता शाइना एनसी ने उनके बयान को शर्मनाक बताया। वहीं BMC चुनावों को लेकर बड़ा बदलाव सामने आया है। राज्य सरकार ने महाविकास अघाड़ी द्वारा प्रस्तावित 236 वार्डों की योजना को रद्द करते हुए पुराने 227 वार्डों पर चुनाव कराने का फैसला लिया है, जिससे एमवीए को बड़ा झटका लगा है।
इन घटनाओं के बीच उद्धव ठाकरे ने बीएमसी चुनाव के लिए आदित्य ठाकरे को कमान सौंपी है। ‘जंग अपनी मुंबई की’ अभियान के तहत शिवसेना यूबीटी घर-घर संपर्क करेगी और आदित्य रणनीति तय करेंगे। चुनावी मौसम के साथ महाराष्ट्र की राजनीति भी अब एक निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ रही है।