केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में श्रीनगर और लेह में हुई दंगों और साजिशों को लेकर सख्त कदम उठाने का ऐलान किया है। अधिकारियों के अनुसार, आर्मी और सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 63 संदिग्ध दंगाइयों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा, लेह दंगा मामले में कई बड़े नेताओं के नाम सामने आने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए पूर्व नेताओं और प्रमुख राजनीतिक हस्तियों को जांच के दायरे में लिया है।

सूत्रों के मुताबिक, लेह और श्रीनगर में हुई हिंसा के पीछे स्थानीय और बाहरी एजेंटों के आपराधिक नेटवर्क का हाथ था। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। आर्मी की कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए 63 व्यक्तियों से पूछताछ जारी है और उनके नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है।

लेह दंगा मामले में CBI की जांच में अब तक कुछ बड़े नेताओं के नाम सामने आए हैं। एजेंसी ने इस सिलसिले में तत्कालीन राजनीतिक प्रभाव रखने वाले नेताओं से पूछताछ शुरू कर दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, गृह मंत्रालय ने जांच को तेज करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि जांच में पूर्व केंद्रीय और राज्य स्तर के कई नेताओं के जुड़े होने की आशंका है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की हिंसा और दंगों के पीछे साजिशों को पहले पहचान कर रोकना बेहद जरूरी है। आर्मी और सीबीआई की संयुक्त कार्रवाई से न केवल संदिग्धों की पहचान हुई है, बल्कि भविष्य में संभावित हिंसा की रोकथाम की दिशा में भी कदम उठाए गए हैं।

इस मामले पर राज्य और केंद्र सरकार की नज़र कड़ी है। सुरक्षा बल लगातार इलाके में निगरानी बढ़ा रहे हैं और हिंसा की किसी भी वापसी को रोकने के लिए तैयार हैं। अधिकारियों ने यह भी कहा कि जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

श्रीनगर और लेह दंगों की यह जांच देशभर में राजनीतिक और सुरक्षा परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, यह स्पष्ट होगा कि हिंसा के पीछे कौन लोग और कौन-से नेटवर्क काम कर रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय का दावा है कि इस कार्रवाई से न केवल कानून का शासन मजबूत होगा, बल्कि आम जनता में सुरक्षा और भरोसे की भावना भी बढ़ेगी।