ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने एक बड़ा बयान देते हुए अमेरिका और इजरायल को खुली चुनौती दी है। खामेनेई ने अमेरिका पर “रणनीतिक रूप से पराजित” होने का आरोप लगाया और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कथित तौर पर दिए गए 30 बिलियन डॉलर के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। यह बयान ऐसे समय आया है जब पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर है और ईरान, इजरायल तथा अमेरिका के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं।

खामेनेई ने बुधवार को एक सार्वजनिक संबोधन में कहा कि ईरान किसी भी तरह के अमेरिकी दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है। उन्होंने दावा किया कि हालिया संघर्षों में अमेरिका को न सिर्फ क्षेत्रीय रूप से बल्कि कूटनीतिक रूप से भी पीछे हटना पड़ा है। खामेनेई ने डोनाल्ड ट्रंप पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “डॉलर के प्रस्ताव से ईरानी आत्मसम्मान नहीं बिकता।”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कथित रूप से ईरान को 30 बिलियन डॉलर का सौदा प्रस्तावित करने की रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए खामेनेई ने इसे “मूल्यों की बोली” बताया। हालांकि, ट्रंप की ओर से इस प्रस्ताव की कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है।

खामेनेई ने इजरायल को भी चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देगा। उन्होंने कहा कि “हम पर हमला करने वालों को पछताना पड़ेगा। इस्लामी गणराज्य किसी भी आक्रामकता के लिए तैयार है और जवाब देने में संकोच नहीं करेगा।”

इस बयान पर इजरायल की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। इजरायली अधिकारियों ने खामेनेई के बयान को “भड़काऊ और अस्वीकार्य” बताया है। वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

पश्चिम एशिया में लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच खामेनेई का यह बयान आने वाले दिनों में क्षेत्रीय राजनीति को और अधिक जटिल बना सकता है। जानकारों का मानना है कि यह बयान न सिर्फ ईरान की विदेश नीति की दिशा दिखाता है, बल्कि अमेरिका और इजरायल के साथ संभावित टकराव की जमीन भी तैयार करता है।

अब देखना होगा कि अमेरिका और इजरायल इस बयान पर आगे क्या रुख अपनाते हैं और क्या यह बयान पश्चिम एशिया में एक नई जंग की आहट है।