दिल्ली में विधानसभा चुनावों में हार के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में राजनीतिक सक्रियता बढ़ा दी है। हालांकि, अब पंजाब में भी उन्हें कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने केजरीवाल, पंजाब AAP अध्यक्ष अमन अरोड़ा और मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ कथित रूप से बयान के साथ छेड़छाड़ कर सोशल मीडिया पर उसे पोस्ट करने के आरोप में शिकायत दर्ज करवाई है।

प्रताप बाजवा का आरोप है कि उनके बयान को एडिट कर तोड़-मरोड़कर जनता के सामने पेश किया गया, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है। इस शिकायत के बाद आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट पर राजनीतिक और कानूनी दबाव बढ़ गया है।

वहीं दूसरी ओर, मोहाली में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान अरविंद केजरीवाल ने एक विवादित टिप्पणी करते हुए खुद के लिए “नोबेल पुरस्कार” की मांग की। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने दिल्ली में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की मौजूदगी में कई कठिनाइयों के बावजूद अच्छा काम किया है, जिसके लिए उन्हें नोबेल प्राइज मिलना चाहिए।

केजरीवाल की इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। विपक्षी दलों, विशेष रूप से बीजेपी, ने इस बयान पर तंज कसते हुए कहा कि “उन्हें भ्रष्टाचार के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए”। बीजेपी प्रवक्ताओं ने शराब नीति घोटाले, फीडबैक यूनिट मामले और कथित विज्ञापन घोटालों का हवाला देते हुए केजरीवाल को निशाने पर लिया।

दिल्ली के कई मामलों में पहले से ही कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहे केजरीवाल के लिए पंजाब में यह नई शिकायत एक और मोर्चा खोलती नजर आ रही है। आम आदमी पार्टी ने अभी तक इस पूरे प्रकरण पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया है।

अरविंद केजरीवाल के खिलाफ विपक्ष का हमला तेज होता जा रहा है। एक ओर जहां कानूनी शिकंजा कसता दिख रहा है, वहीं उनकी विवादित टिप्पणियां राजनीतिक विवाद को और हवा दे रही हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि AAP इस संकट से कैसे निपटती है और क्या केजरीवाल इन आरोपों के बीच अपना राजनीतिक संतुलन बनाए रख पाएंगे।