कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है, वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता घोटालों को लेकर जांच एजेंसियों के घेरे में आ गए हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं, जिससे राज्य में मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलें तेज हो गई हैं। उधर दिल्ली में क्लासरूम घोटाले को लेकर मनीष सिसोदिया और आतिशी जैसे वरिष्ठ ‘आप’ नेताओं की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में एक ओर कांग्रेस अपने राज्य में छवि सुधारने की कोशिश कर रही है तो दूसरी ओर ‘आप’ पार्टी लगातार जांच एजेंसियों के शिकंजे में फंसती नजर आ रही है।
कर्नाटक में ‘कोर्स करेक्शन’ का संकेत
कर्नाटक में हाल ही में भगदड़ की घटना के बाद सरकार की आलोचना तेज हुई थी। इसी को लेकर पार्टी अब ‘कोर्स करेक्शन’ की दिशा में कदम बढ़ा रही है। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल में फेरबदल पहले से विचाराधीन था, लेकिन अब इस घटना ने इसकी प्रक्रिया को तेज कर दिया है। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के दिल्ली आने को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। पार्टी चाहती है कि इस बदलाव से जनता के बीच एक स्पष्ट संदेश जाए कि कांग्रेस सरकार जवाबदेह और सक्रिय है।
दिल्ली में क्लासरूम घोटाले को लेकर बढ़ी सख्ती
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई रुकने का नाम नहीं ले रही। क्लासरूम घोटाले के मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एंटी करप्शन ब्रांच ने दूसरी बार समन भेजा है। उन्हें 20 जून को पेश होने को कहा गया है। वहीं शिक्षा मंत्री आतिशी भी इस मामले में जांच के दायरे में हैं। खबर है कि दिल्ली पुलिस ने भी इस पूरे घोटाले को लेकर कुछ अहम दस्तावेज जुटाए हैं। इन परिस्थितियों में पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर भी राजनीतिक दबाव बढ़ता जा रहा है।