ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग अब सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं रह गई है। इसमें कई वैश्विक ताकतें खुलकर सामने आ चुकी हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समर्थन की अपील की है। वहीं, ईरान पर इजरायली हमले में आठ शहर पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। चीन के रणनीतिक ठिकानों पर अमेरिका ने कार्रवाई की है और तुर्की व मिस्र को भी इजरायल की ओर से सैन्य जवाब दिया गया है। हालात तेजी से एक बड़े युद्ध की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं।

ईरान के आठ शहर—तेहरान, मशहद, तबरीज, इस्फहान, देजफुल, हमादान, शिराज और करमान—इजरायली हमलों में भारी तबाही झेल चुके हैं। इन शहरों के एयरबेस, बंकर, रडार स्टेशन और सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को टारगेट किया गया है। ईरान ने इसका जवाब देने का दावा किया है, लेकिन नुकसान बहुत बड़ा है। सैकड़ों सैनिक और नागरिक मारे गए हैं।

नेतन्याहू ने भारत से मांगा समर्थन

इस गंभीर हालात में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री मोदी से संपर्क किया है। उन्होंने भारत से राजनयिक और रणनीतिक समर्थन की अपील की है। सूत्रों के मुताबिक, इजरायल चाहता है कि भारत वैश्विक मंचों पर उसका पक्ष मजबूत करे और ईरान को कड़ा संदेश दे। भारत की तरफ से अब तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार की चुप्पी को लेकर हमलावर है।

अमेरिका-चीन और इजरायल-तुर्की के रिश्ते और तनाव में तब्दीली

ईरान के समर्थन में खड़े चीन के कुछ सैन्य अड्डों पर अमेरिका ने साइबर और ड्रोन हमलों के जरिए जवाबी कार्रवाई की है। यह पहली बार है जब चीन की सैन्य गतिविधियों को सीधे निशाना बनाया गया है। दूसरी ओर, इजरायल ने तुर्की और मिस्र के सैन्य काफिलों पर भी हमले किए हैं, जिन पर ईरान को मदद भेजने का आरोप है। इससे मुस्लिम देशों की नाराजगी और बढ़ गई है, और अब पूरे मध्य पूर्व में हालात और ज्यादा विस्फोटक हो गए हैं।

इस पूरी स्थिति ने एक नए वैश्विक ध्रुवीकरण की शुरुआत कर दी है, जिसमें हर देश पर अब साफ स्टैंड लेने का दबाव बढ़ता जा रहा है।