ईरान इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल द्वारा शुक्रवार को हमला शुरू करने के कुछ ही घंटों बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को तेहरान स्थित एक भूमिगत बंकर में स्थानांतरित कर दिया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि खामेनेई के साथ उनके परिवार के सभी सदस्य, जिनमें उनके पुत्र मुजतबा खामेनेई भी शामिल हैं, उस समय उनके साथ मौजूद थे।
ईरानी मिसाइल हमलों के कारण अमेरिकी दूतावास के पास कुछ मामूली नुकसान की भी खबर है, हालांकि किसी अमेरिकी कर्मचारी के घायल होने की सूचना नहीं है। तेल अवीव में अमेरिकी दूतावास के एक शाखा के पास विस्फोट के कंपन महसूस किए गए। अमेरिकी राजदूत ने बताया कि फिलहाल दूतावास और कांसुलेट को आधिकारिक रूप से बंद रखा गया है और ‘शेल्टर-इन-प्लेस’ का आदेश अभी भी प्रभावी है।
खतरनाक इरादों से ट्रंप को निशाना बना रहा ईरान
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि ईरान की इस्लामिक शासन व्यवस्था अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए एक बड़ा खतरा मानती है और उसे मारने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा, “वे उन्हें मारना चाहते हैं। वह उनके लिए दुश्मन नंबर एक हैं।” नेतन्याहू ने आगे कहा कि उनका देश दुनिया को ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल खतरे से बचाने के लिए जो भी आवश्यक होगा, वह करेगा।
इस बीच, ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक सदस्य और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के जनरल मोहसिन रज़ाई ने ईरानी टेलीविजन पर दिए गए एक इंटरव्यू में कहा, “पाकिस्तान ने हमें आश्वासन दिया है कि अगर इजरायल ने ईरान पर परमाणु बम का इस्तेमाल किया, तो वे भी इजरायल पर परमाणु हमला करेंगे।” रज़ाई ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने ईरान का समर्थन करने की बात कही है और मुस्लिम दुनिया से एकजुट होने का आह्वान किया है।
अब तक ईरान और इजरायल में मिसाइलों की ताबड़तोड़ बारिश के बीच कुल 248 मौतों की सूचना मिली है, जिसमें ईरान में 230 और इजरायल में 18 लोग मारे गए हैं। जनरल रज़ाई ने यह भी दावा किया कि तेहरान के पास कुछ छिपी हुई क्षमताएं हैं, जिन्हें अभी दुनिया के सामने लाया जाना बाकी है।