13 जून को इस जंग की शुरुआत इजरायल ने की थी। यह इस युद्ध का पहला दिन था और उसके तुरंत बाद ईरान की तरफ से भी जोरदार पलटवार किया गया। पिछले आठ दिनों से बारूदी वार और पलटवार का सिलसिला लगातार जारी है।

इजरायल ने इस युद्ध में सबसे पहले ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडरों और न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स को निशाना बनाया। इसके बाद एक के बाद एक ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर भी हमला करता रहा। जवाब में ईरान ने इजरायल के सैन्य और रिहायशी इलाकों पर भीषण बारूदी हमले किए हैं। जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो इस जंग की तबाही की गवाही दे रही हैं।

फिलहाल दोनों देशों के बीच यह लड़ाई थमने के कोई आसार नहीं हैं। ना इजरायल पीछे हटने को तैयार है और ना ही ईरान झुकने को। दोनों ओर से ‘दुश्मन के खात्मे तक जंग जारी’ रखने की कसमें खाई जा रही हैं। इस युद्ध में अब चीन और रूस भी धमकी देने की मुद्रा में आ चुके हैं, जबकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे यूटर्न ले लिया है। सवाल ये उठता है कि क्या यह जंग ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई की मौत के बाद ही खत्म होगी?

IDF (इजरायल डिफेंस फोर्स) के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा है कि इजरायल की सेना ने शुक्रवार से अब तक ईरान की ओर से दागे गए 480 से अधिक ड्रोन को मार गिराया है। उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल के भीतर ड्रोन हमलों का कोई प्रभाव नहीं देखा गया है।

IDF के अनुसार, अब तक ईरान ने इजरायल पर लगभग 1,000 ड्रोन दागे हैं, जिससे यह साफ है कि ईरान का हथियारों का भंडार अब खत्म होने की कगार पर है और इसी वजह से ईरान पर दबाव लगातार बढ़ रहा है। साथ ही, ईरान में मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है, जिससे स्पष्ट है कि इस आठ दिन की जंग में सबसे ज्यादा नुकसान ईरान को ही हुआ है और यह नुकसान आगे और बढ़ सकता है।