आज का दिन भारतीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के लिए बेहद घटनापूर्ण रहा। संसद के मॉनसून सत्र का समापन विपक्षी हंगामे और सत्ता पक्ष की नाराजगी के बीच हुआ। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन ने अपना उम्मीदवार नामांकन दाखिल किया। वहीं विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस की यात्रा पर रहे, जहां भारत-रूस ऊर्जा सहयोग पर अहम संकेत मिले। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लेकर भी सियासी हलचल तेज रही और निक्की हेली ने खुलकर भारत की अहमियत पर जोर दिया।

संसद का मॉनसून सत्र हंगामे के साथ समाप्त

संसद के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन रहा, जो हंगामे की भेंट चढ़ गया। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और कार्यवाही बाधित रही। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि निर्धारित 120 घंटों की चर्चा में से सिर्फ 37 घंटे ही संभव हो सके। उन्होंने विपक्ष के रवैये को लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत बताया।

टी मीटिंग का विपक्ष ने किया बहिष्कार

सत्र के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को ‘टी मीटिंग’ के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन विपक्षी दलों ने इसका बहिष्कार किया। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस में कई युवा नेता प्रतिभाशाली हैं, लेकिन राहुल गांधी की असुरक्षा के कारण उन्हें बोलने का अवसर नहीं मिलता। उन्होंने इशारों में कहा कि संभव है यही युवा नेता राहुल गांधी को घबराहट में डाल रहे हों।

उपराष्ट्रपति चुनाव: बी. सुदर्शन रेड्डी ने भरा नामांकन

विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक ने उपराष्ट्रपति पद के लिए पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने आज नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। रेड्डी ने कहा कि वह संविधान में निहित मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

भारत-रूस ऊर्जा सहयोग, ट्रंप पर जयशंकर का संदेश

विदेश मंत्री एस. जयशंकर मास्को में भारत-रूस बिजनेस फोरम में शामिल हुए। रूस ने भारत को कच्चे तेल पर 5 प्रतिशत छूट देने की पेशकश की है। जयशंकर ने रूसी कंपनियों से भारत में निवेश बढ़ाने का आह्वान किया। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर रूस से तेल खरीद बंद करने का दबाव बना रहे हैं।

निक्की हेली ने अमेरिका को दी चेतावनी

अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने ट्रंप प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि चीन पर नियंत्रण करना है तो भारत के साथ संबंध सुधारने होंगे। उन्होंने भारत को रणनीतिक दृष्टि से अहम साझेदार करार दिया।

इन घटनाओं से साफ है कि संसद की राजनीति, उपराष्ट्रपति चुनाव और वैश्विक कूटनीति मिलकर आने वाले हफ्तों में भारत के राजनीतिक परिदृश्य को और ज्यादा गर्माने वाले हैं।