देश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। एक ओर जहां छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की संपत्तियों पर बड़ी कार्रवाई की है, वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन को लेकर भी गंभीर आरोप सामने आए हैं। इन दोनों मुद्दों ने विपक्ष की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और सत्ता पक्ष ने इसे लेकर हमलावर रुख अपनाया है।

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में ED ने कांग्रेस भवन समेत कई नेताओं की संपत्तियां अटैच कर दी हैं। ED का दावा है कि ये संपत्तियां कथित शराब घोटाले से हुई अवैध कमाई से खरीदी गईं। ED के अनुसार, ये पैसा छत्तीसगढ़ में शराब की अवैध बिक्री और घोटाले से जुड़ा हुआ है, जिसमें सरकारी अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत बताई जा रही है।

कांग्रेस ने दी राजनीतिक साजिश की दलील

कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में लगातार सरकार से सवाल पूछ रही है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है।

इस बीच ED की कार्रवाई को लेकर दिल्ली में भी हलचल बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक, 10 जनपथ यानी सोनिया गांधी के आवास पर भी इस मुद्दे को लेकर चिंताएं जताई गई हैं।

अहमदाबाद हादसे पर भी उठे सियासी सवाल

जहां एक ओर पूरा देश अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर शोक में डूबा है, वहीं कांग्रेस ने इस पर भी केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया, लेकिन कांग्रेस नेताओं ने इसे ‘प्रचार की राजनीति’ बताया। इस बयान को लेकर पार्टी को सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना भी करना पड़ा।

उधर, पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के राज में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिसकर्मी भी सुरक्षित नहीं हैं। अधिकारी ने इस मुद्दे को हाई कोर्ट ले जाने की बात भी कही है, जिससे बंगाल की राजनीति और गर्मा सकती है।