इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल, ईरान में अपने प्रमुख लक्ष्यों को हासिल करने के बेहद करीब पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि इजरायल ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम और परमाणु सुविधाओं को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। नेतन्याहू ने यह भी वादा किया कि वे इजरायल को “युद्ध के युद्ध” में नहीं घसीटने देंगे, लेकिन स्पष्ट किया कि इजरायल अपने सभी उद्देश्यों की प्राप्ति से पहले किसी भी सैन्य अभियान को समाप्त नहीं करेगा।
अमेरिकी मिसाइलों से यूरेनियम और संवर्धन सुविधाएं तबाह
मैक्सार टेक्नोलॉजीज की सैटेलाइट इमेजरी से सामने आया है कि फोर्डो क्षेत्र की पर्वत श्रृंखला में दो समूहों में छह छेद साफ दिखाई देते हैं। इन छेदों के नीचे सेंट्रीफ्यूज युक्त हॉल स्थित माने जाते हैं। इस्फ़हान में एक यूरेनियम सुविधा पर अमेरिकी टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों ने बड़ा हमला किया, जिससे यह केंद्र गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं नतांज़ में भूमिगत संवर्धन हॉल के ऊपर एक बड़ा छेद दिखाई दिया है, जिसे बंकर-बस्टिंग बम के हमले का नतीजा बताया जा रहा है। एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बम संभवतः पूरे केंद्र को नष्ट कर चुका है।
ईरान की धमकी और वैश्विक प्रतिक्रिया
हमले से पहले के दिनों में ईरान ने कथित रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक चेतावनी संदेश भेजा था। इसमें धमकी दी गई थी कि अगर ईरान पर हमला हुआ तो वह अमेरिका में मौजूद स्लीपर-सेल्स को सक्रिय कर आतंक फैलाएगा। यह संदेश कनाडा में हुए जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान एक मध्यस्थ के माध्यम से ट्रंप तक पहुंचा। इसके जवाब में ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा कि अमेरिका किसी भी ईरानी प्रतिक्रिया का “आज रात के मुकाबले कहीं अधिक बल के साथ” जवाब देगा।
इस बीच, अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि प्रशासन “बहुत बारीकी से” मातृभूमि पर संभावित हमले की जांच कर रहा है। ईरान ने चेतावनी दी है कि अमेरिका को “शक्तिशाली और लक्षित अभियानों” के माध्यम से “भारी, खेदजनक और अप्रत्याशित परिणामों” का सामना करना होगा। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प के प्रवक्ता ज़ोलफ़ागरी ने ट्रंप को चेताते हुए कहा, “आप युद्ध शुरू कर सकते हैं, लेकिन इसे खत्म हम करेंगे।”
वहीं, ईरान के विदेश मंत्री मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलने पहुंचे हैं। नीदरलैंड में नाटो का शिखर सम्मेलन शुरू हो चुका है, वहीं अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी आपात बैठकें कर रही हैं। यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री बेल्जियम में विशेष चर्चा के लिए जुटे हैं।