दिल्ली की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को अब क्लासरूम निर्माण से जुड़े एक पुराने मामले में जवाब देना पड़ सकता है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में दोनों को समन भेजा है। सत्येंद्र जैन को 6 जून और मनीष सिसोदिया को 9 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। आप पार्टी ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है और आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
ACB की नई कार्रवाई, पुराने मामले पर विस्तार
ये मामला दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लासरूम निर्माण से जुड़ा है, जहां बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य कराए गए थे। आरोप है कि इन प्रोजेक्ट्स में तय बजट से ज़्यादा खर्च हुआ, और टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी के संकेत भी मिले हैं। ACB ने पिछले कई महीनों से इस मामले की जांच की है और अब उन अधिकारियों और नेताओं से पूछताछ शुरू की जा रही है जो इस फैसले में शामिल रहे थे।
मनीष सिसोदिया, जो उस समय शिक्षा मंत्री थे, और सत्येंद्र जैन, जो लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी संभालते थे, अब सीधे सवालों के घेरे में हैं। इससे पहले भी मनीष सिसोदिया आबकारी नीति मामले में जेल में हैं, और जैन मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में घिरे हुए हैं। अब यह नया मोड़ उनकी कानूनी चुनौतियों को और गंभीर बना सकता है।
आप का जवाब – “यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई”
ACB के समन के बाद आम आदमी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने साफ कहा है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए निर्माण कार्य किए गए थे और इसमें किसी तरह की वित्तीय गड़बड़ी नहीं हुई। पार्टी ने इसे एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश बताया है और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अपनी एजेंसियों का इस्तेमाल कर आम आदमी पार्टी के नेताओं को परेशान कर रही है।
अब सभी की नजरें 6 और 9 जून पर हैं, जब सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया को ACB के सामने पेश होना है। इन पूछताछों से न सिर्फ इस मामले की सच्चाई सामने आ सकती है, बल्कि दिल्ली की राजनीति में भी नया मोड़ आ सकता है।