आज की सबसे बड़ी खबर जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़ी है, जो कैश कांड में बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, जस्टिस वर्मा की जांच रिपोर्ट लीक हो चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार, उनके घर के स्टोररूम में बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच कमेटी की रिपोर्ट में कम से कम दस चश्मदीद गवाहों ने जले हुए कैश को वहां देखा था।

इन चश्मदीदों में दिल्ली फायर सर्विस और दिल्ली पुलिस के अधिकारी शामिल हैं। जांच कमेटी ने न सिर्फ उनके बयान लिखित रूप में दर्ज किए, बल्कि उन बयानों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवाई गई, ताकि कोई भी व्यक्ति भविष्य में इन गवाहियों को खारिज न कर सके। इन साक्ष्यों के सामने आने के बाद जस्टिस वर्मा बुरी तरह से एक्सपोज हो गए हैं।

चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव, विपक्ष आपस में ही भिड़ा

इधर देश के चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई। ये उपचुनाव गुजरात की दो सीटों – विसावदर और कड़ी, केरल की नीलांबुर, पश्चिम बंगाल की कालीगंज और पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर हुए। इन उपचुनावों में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने जहां बीजेपी को चुनौती देने की कोशिश की, वहीं ये दल आपस में भी एक-दूसरे के खिलाफ भिड़ते नजर आए।

इन सीटों पर राजनीतिक मुकाबला न सिर्फ सत्ता पक्ष बनाम विपक्ष रहा, बल्कि विपक्षी दलों के बीच भी तगड़ी टक्कर देखने को मिली। इससे साफ हुआ कि विपक्ष की एकता अभी भी केवल बयानबाज़ी तक सीमित है, ज़मीनी स्तर पर तालमेल की भारी कमी है।

कार्यक्रम के समापन में कहा जा सकता है कि जस्टिस वर्मा सभी आरोपों को साजिश बता रहे हैं, लेकिन जांच कमेटी की रिपोर्ट में उनके खिलाफ गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं। यह मामला केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसने न्यायपालिका की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर भी गंभीर बहस छेड़ दी है। दूसरी ओर, उपचुनावों में विपक्ष जिस तरह बिखरा नजर आया, उसने उनकी एकजुटता पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।