बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्षी महागठबंधन ने हाल ही में पटना में एक अहम बैठक की, जिसमें कई बड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बैठक का केंद्रबिंदु रहा कि क्या राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव को महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाएगा। बैठक में इस पर आम सहमति तो नहीं बन सकी, लेकिन चर्चा के केंद्र में तेजस्वी ही रहे।
सीएम फेस को लेकर बनी असमंजस की स्थिति
महागठबंधन के कुछ दल तेजस्वी यादव को बतौर मुख्यमंत्री चेहरा प्रोजेक्ट करने के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि तेजस्वी को पिछली बार जनता का समर्थन मिला था और इस बार वह पहले से ज्यादा परिपक्व नेता के तौर पर उभरे हैं। हालांकि कांग्रेस ने अब तक इस पर साफ रुख नहीं अपनाया है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, पार्टी फिलहाल सीट शेयरिंग के मसले पर अधिक फोकस कर रही है, और मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई सार्वजनिक ऐलान जल्दबाज़ी में नहीं करना चाहती।
इस मुद्दे पर आरजेडी और कांग्रेस के बीच हल्की रार की स्थिति भी देखी गई। कांग्रेस चाहती है कि सीटों का बंटवारा समानता के आधार पर हो, जबकि आरजेडी खुद को बड़े भाई की भूमिका में मानकर ज्यादा सीटों की मांग कर रही है। दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच इस पर पर्दे के पीछे लंबी बातचीत चल रही है।
आरजेडी का कार्यकर्ताओं को संदेश
वहीं आरजेडी ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारियों में जुट जाने का निर्देश दे दिया है। पार्टी नेतृत्व ने कहा कि इस बार का चुनाव जनता की उम्मीदों का चुनाव होगा, और संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना बेहद जरूरी है। तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं से कहा कि वे जनता से सीधे संवाद करें और सरकार की विफलताओं को उजागर करें।
बिहार में जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, विपक्षी खेमे में हलचल और तेज होती जा रही है। हालांकि महागठबंधन की रणनीति पूरी तरह साफ नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि सभी दल बीजेपी और जेडीयू को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में जुट चुके हैं।