बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्ष सड़क पर उतर चुका है। कांग्रेस और राजद समेत पूरा महागठबंधन इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। इसी बीच गठबंधन के भीतर मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर सवाल उठने लगे हैं। जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछा गया कि क्या तेजस्वी यादव महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से परहेज किया। इस रुख ने सियासी हलकों में कई अटकलों को जन्म दिया है।
राहुल गांधी का टालमटोल जवाब
एक कार्यक्रम के दौरान जब राहुल गांधी से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने से जुड़ा सवाल पूछा गया, तो उन्होंने सीधे तौर पर हामी नहीं भरी। इसके बजाय उन्होंने विषय को टालने की कोशिश की। इससे यह संकेत मिला कि कांग्रेस अभी गठबंधन में इस मुद्दे पर खुलकर स्थिति स्पष्ट करने से बच रही है।
तेजस्वी का राहुल पर भरोसा
दूसरी ओर, राजद नेता तेजस्वी यादव ने कई मौकों पर राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन दिया है। हाल ही में उन्होंने कहा था कि अगर विपक्ष सत्ता में आता है, तो वे राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद पर देखना चाहेंगे। हालांकि, इसके बावजूद राहुल गांधी द्वारा तेजस्वी को मुख्यमंत्री चेहरा मानने से बचना सवाल खड़ा करता है कि क्या यह रणनीतिक कदम है या भरोसे की कमी।
लालू यादव का संकेत
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी अप्रत्यक्ष रूप से राहुल गांधी का समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने एक बयान में ‘दूल्हा’ शब्द का इस्तेमाल करते हुए राहुल को विपक्ष का नेता मानने का संकेत दिया था। इसके बावजूद, कांग्रेस की ओर से महागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरे पर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
महागठबंधन में समीकरण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन में अकेले मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करना आसान नहीं है। गठबंधन में कांग्रेस, राजद, वामपंथी दलों के साथ-साथ वीआईपी और अन्य सहयोगी दल भी शामिल हैं। ऐसे में अगर तेजस्वी यादव को अभी सीएम उम्मीदवार घोषित किया जाता है, तो अंदरूनी विवाद की आशंका बढ़ सकती है।
बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर अस्पष्टता बनी हुई है। राहुल गांधी के टालमटोल रवैये और तेजस्वी यादव की महत्वाकांक्षा ने राजनीति को और पेचीदा बना दिया है। अब देखना होगा कि गठबंधन चुनाव से पहले कोई सर्वसम्मति बनाता है या सीएम चेहरे पर फैसला चुनाव नतीजों के बाद होता है।