अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटना ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस हादसे में कई लोगों की जान चली गई, जिससे हर दिल दुखी है। सरकार ने इस दुर्घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं। जांच एजेंसियां हर उस पहलू पर ध्यान दे रही हैं, जो इस घटना का कारण बन सकते हैं – चाहे वो तकनीकी खराबी हो, पायलट की गलती, बर्ड हिट या फिर आतंकवाद की आशंका।
सभी के मन में एक ही सवाल है – “आखिर ये हादसा हुआ तो हुआ कैसे?” इस सवाल का जवाब धीरे-धीरे सामने आ रहा है। जांच एजेंसियों को फ्लाइट का दूसरा ब्लैक बॉक्स मिल गया है, जिसे कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) कहा जाता है। इससे अब उम्मीद जगी है कि इस दर्दनाक हादसे के पीछे की असली वजह सामने आ सकेगी।
CVR एक ऐसा उपकरण होता है जो पायलटों की बातचीत, कॉकपिट में बजने वाले अलार्म और बैकग्राउंड में मौजूद ध्वनियों को रिकॉर्ड करता है। इससे हादसे के समय कॉकपिट में क्या चल रहा था, उसका स्पष्ट चित्र सामने आ सकता है। इससे पहले जांचकर्ताओं को फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) मिल चुका था, जिसमें विमान की ऊंचाई, गति, ईंधन स्तर और अन्य तकनीकी जानकारियां होती हैं। अब CVR मिलने से यह मानी जा रही है कि जांच में बड़ा मोड़ आ सकता है।
NIA और NSG की जांच से साजिश की आशंका भी गहराई
अब तक की जांच में DGCA, AAIB के साथ-साथ NIA और NSG जैसी शीर्ष एजेंसियां भी शामिल हो चुकी हैं। इन एजेंसियों की सक्रियता ने मामले में एक नया मोड़ ला दिया है। अब यह सिर्फ एक विमान हादसे की जांच नहीं रही, बल्कि इसमें किसी संभावित आंतरिक या बाहरी साजिश की आशंका भी जांच के दायरे में आ गई है।
जांच तेजी से आगे बढ़ रही है और सरकार भी पूरी तरह सतर्क है। ब्लैक बॉक्स से मिले डेटा के आधार पर आने वाले दिनों में देश को वह सच्चाई मिल सकती है, जिसका इंतजार हर किसी को है।