अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा अब सिर्फ एक तकनीकी गड़बड़ी नहीं रह गया, बल्कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा बन गया है। हादसे की जांच के लिए सभी एजेंसियां सक्रिय हो चुकी हैं और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (NSG) की एंट्री ने यह साफ कर दिया है कि बात केवल एविएशन सेफ्टी की नहीं है, बल्कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश भी हो सकती है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की एक उच्चस्तरीय टीम भी गुजरात पहुंच चुकी है, जिससे ये संकेत मिलते हैं कि केंद्र सरकार इस हादसे को एक सामान्य घटना मानकर नहीं चल रही है। हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है — तकनीकी खामियां, मेंटेनेंस रिकॉर्ड, पायलट का कम्युनिकेशन और अब अंतरराष्ट्रीय लिंक भी शक के घेरे में हैं।

बाबा रामदेव के बयान से उठा विवाद, तुर्की एजेंसी ने दी सफाई

इस हादसे के बीच एक बड़ा विवाद बाबा रामदेव के बयान के कारण खड़ा हो गया है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें बताया गया था कि विमान की मेंटेनेंस तुर्की की किसी एजेंसी द्वारा की गई थी। इस बयान ने देशभर में हलचल मचा दी। राष्ट्रीय भावना से जुड़े इस मुद्दे पर लोग सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं देने लगे।

हालांकि तुर्की की ओर से तत्काल प्रतिक्रिया आई और ‘तुर्की टेक्निक’ नामक एजेंसी ने साफ शब्दों में कहा कि उन्होंने इस विमान की कोई मेंटेनेंस नहीं की है। बावजूद इसके, शक की सुई अब भी घूम रही है — क्या ये सब एक इत्तेफाक था या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है?

अब भारत की सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को हर एंगल से खंगाल रही हैं। यह सिर्फ विमान हादसे की जांच नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा से जुड़ा सवाल बन चुका है। हर देशवासी अब जानना चाहता है — क्या कोई हमारे देश को निशाना बना रहा था?