कांग्रेस नेता राहुल गांधी का दस दिन से अधिक समय तक विदेश में रहना राजनीतिक चर्चा का विषय बना हुआ है। वे इस दौरान दक्षिण अमेरिका के चार देशों के दौरे पर थे, लेकिन उनकी वापसी की कोई निश्चित जानकारी नहीं मिली है। सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने के बावजूद उनके भारत लौटने की तिथि अज्ञात है। इस बीच, कोर्ट में उनके खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई और चुनावी मुद्दों पर जांच की मांग ने सियासी दबाव बढ़ा दिया है।

हाल ही में सामने आए एक वीडियो में राहुल गांधी को कोलंबिया की एक कॉफी शॉप में देखा गया, जहां उन्होंने कोलंबियाई कॉफी बनाने का तरीका सीखा। वीडियो में उन्होंने केरल कॉफी का भी जिक्र किया। राजनीतिक विश्लेषक इसे चुनावी माहौल में विपक्ष की स्थिति और राहुल गांधी की विदेश यात्रा के बीच संतुलन बनाने के प्रयास के रूप में देख रहे हैं।

सियासी दबाव का बड़ा कारण कोर्ट में दाखिल याचिकाएं हैं। वाराणसी एमपी/एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें अमेरिका में दिए गए कथित भड़काऊ बयान को लेकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर 17 अक्टूबर को फैसला सुनाने का दिन निर्धारित किया है। इसके अलावा, ‘वोट चोरी’ के आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 13 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी मौसम में विपक्ष की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो रही है। कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व टीम राहुल गांधी की विदेश यात्रा और उनकी अनुपस्थिति को लेकर स्पष्टीकरण नहीं दे रही है। यह चुनावी रणनीति और पार्टी के भीतर संतुलन बनाए रखने का सवाल बन गया है।

चुनाव नजदीक आने के साथ ही राहुल गांधी पर चुनावी और कानूनी दोनों तरह का दबाव बढ़ता जा रहा है। विपक्ष की राजनीतिक गतिविधियों और कांग्रेस नेतृत्व की रणनीतियों पर जनता और मीडिया की नजरें बनी हुई हैं। पार्टी के लिए समय कम और सवाल बढ़ रहे हैं, जिससे आगामी दिनों में राहुल गांधी की गतिविधियों और कोर्ट मामलों पर व्यापक चर्चा होने की संभावना है।