बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बीच बड़ी खबर सामने आई है कि जनसुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनकी पार्टी ने गुरुवार को 9 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है। इस ऐलान के साथ ही बिहार की सियासत में नई हलचल मच गई है।
जनसुराज ने जिन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, वे राज्य के अलग-अलग इलाकों से आते हैं और अधिकतर सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं। हालांकि, पार्टी ने स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में और नामों की घोषणा की जाएगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि जनसुराज का उद्देश्य “नई सोच और साफ राजनीति” को आगे बढ़ाना है, इसलिए टिकट उन्हीं लोगों को दिया जा रहा है जो जनता के बीच सक्रिय हैं और बदलाव की इच्छा रखते हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, जनसुराज की रणनीति इस चुनाव में वैकल्पिक राजनीति के एजेंडे पर केंद्रित है। प्रशांत किशोर का खुद मैदान में न उतरना कई राजनीतिक संकेत दे रहा है। राजनीतिक विश्लेषक इसे उनकी दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जिसमें वे संगठन निर्माण और स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहते हैं।
इसी बीच, महागठबंधन की ओर से राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव प्रचार का आगाज करते हुए बड़ा वादा किया है। तेजस्वी ने ऐलान किया कि अगर उनकी सरकार बनी तो “हर घर में एक सरकारी नौकरी” दी जाएगी। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि बिहार के हर घर में रोजगार की गारंटी हो। मेरा कर्म बिहार है, और मेरा धर्म बिहारी।” तेजस्वी के इस बयान ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है, और विपक्षी दलों ने इसे चुनावी स्टंट बताया है।
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होने वाले हैं। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर और दूसरे चरण की 11 नवंबर को होगी, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। जनसुराज की पहली सूची के बाद अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि पार्टी आने वाले दिनों में किन प्रमुख चेहरों को उतारती है और क्या प्रशांत किशोर का यह प्रयोग जनता के बीच असर दिखा पाएगा।