अमेरिकी संघीय सरकार के बजट अड़चनों के चलते NASA ने अपनी अधिकांश गतिविधियों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। 1 अक्टूबर से अमेरिका में सरकारी शटडाउन लागू हो गया, जब कांग्रेस बजट या अस्थायी फंडिंग बिल को पास करने में असफल रही। NASA की वेबसाइट पर एक नोटिस में बताया गया है कि एजेंसी “अगले आदेश तक बंद” रहेगी।

NASA ने स्पष्ट किया है कि केवल जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से जुड़ी गतिविधियां जारी रहेंगी। इसमें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की निगरानी, वर्तमान में संचालित अंतरिक्ष यानों का समर्थन और ग्रह रक्षा से संबंधित कार्य जैसे क्षुद्रग्रह ट्रैकिंग शामिल हैं। वहीं, अनुसंधान परियोजनाएं, शिक्षा कार्यक्रम और सार्वजनिक सहभागिता जैसी अन्य गतिविधियां रोक दी गई हैं।

NASA में लगभग 18,000 लोग कार्यरत हैं। रिपोर्टों के अनुसार अधिकांश सिविल सर्वेंट्स को निर्देश दिया गया है कि वे फंडिंग बहाल होने तक काम न करें। एएसोसिएटेड प्रेस ने बताया कि शटडाउन के कारण हजारों NASA कर्मचारी बिना वेतन के फर्लो पर चले गए हैं। ऐसे कर्मचारियों को सरकारी प्रणालियों तक भी पहुँच नहीं है और उनके प्रोजेक्ट्स स्थगित हैं।

विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस शटडाउन को कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देख रहे हैं। ट्रंप के मकसद के अनुसार यह शटडाउन स्वास्थ्य सहायता, विदेशी सहायता और अन्य प्राथमिकताओं पर कांग्रेस से रियायतें लेने के लिए एक राजनीतिक उपकरण है। हाल ही में व्हाइट हाउस ने जारी मेमो में कहा कि फर्लो पर गए कर्मचारियों को स्वचालित रूप से पिछला वेतन नहीं मिलेगा, जिससे राजनीतिक दबाव और बढ़ा है। ट्रंप की टिप्पणियां कि कुछ कर्मचारियों “बैक पे के हकदार नहीं हैं” इस राजनीतिक नाटक को और गहरा करती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस शटडाउन का प्रभाव NASA की लंबी अवधि की परियोजनाओं और अंतरिक्ष अनुसंधान पर भी पड़ सकता है। अगर बजट मुद्दे जल्द सुलझते नहीं हैं, तो अंतरिक्ष मिशनों और डेटा संग्रह पर देरी हो सकती है।

इस शटडाउन के दौरान केवल सुरक्षा-संबंधी और मौलिक संचालन जारी रहेंगे। NASA की गतिविधियों में इस अस्थायी ठहराव से अमेरिका में विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान समुदाय में चिंता का माहौल है। यह देखना बाकी है कि कांग्रेस और व्हाइट हाउस कब और किस शर्त पर समझौता करते हैं।