लेह पुलिस ने लेह में हाल ही में हुई हिंसा के मामले में समाजसेवी और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों के अनुसार वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई है। इस गिरफ्तारी के साथ ही उनके FCRA (विदेशी योगदान विनियमन) लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे, जिसके बाद प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा और जांच की प्रक्रिया शुरू की थी।

सूत्रों के मुताबिक, सोनम वांगचुक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी और उनके कथित भड़काऊ भाषणों और हिंसा में भूमिका के मद्देनजर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा कि वांगचुक के खिलाफ संकलित सबूतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है और जांच अभी भी जारी है।

लेह हिंसा के दौरान क्षेत्र में तनावपूर्ण हालात बने थे। प्रशासन ने बताया कि हिंसा के परिणामस्वरूप चार लोगों की जान गई और कई अन्य नागरिक और सुरक्षा बलों के जवान घायल हुए। हिंसा फैलाने वाले कई अन्य संदिग्धों की पहचान के लिए पुलिस ने इलाके में चौकसी बढ़ा दी थी।

वांगचुक के एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए जाने का मतलब है कि उनके गैर-सरकारी संगठन अब विदेशी फंड नहीं प्राप्त कर सकेंगे। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम उन गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया गया है, जो देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन सकती हैं।

इस कार्रवाई पर स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं में समय पर और सख्त कार्रवाई से भविष्य में संभावित हिंसा को रोका जा सकता है। वहीं, कुछ मानवाधिकार समूहों ने गिरफ्तारी और रासुका के तहत कार्रवाई की समीक्षा की मांग की है।

लेह पुलिस और प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सभी गिरफ्तारियों और जांच में कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। उन्होंने जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने का आग्रह किया है।

लेह हिंसा और सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी मामले की जांच जारी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही मामले की विस्तृत रिपोर्ट सामने आएगी और जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।