नेपाल में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भारत ने सक्रिय कूटनीतिक कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की से लंबी बातचीत की और शांति बहाली, स्थिरता और विकास सहयोग में भारत के पूर्ण समर्थन का भरोसा दिया। इसके साथ ही, भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने चीन और अमेरिकी खेमे से जुड़े संदिग्ध एजेंटों की गतिविधियों पर नजर रखी और कई मामलों में हस्तक्षेप किया।

प्रधानमंत्री मोदी और पीएम कार्की के बीच हुई बातचीत में दोनों देशों के बीच स्थिरता बनाए रखने और क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने पर चर्चा हुई। भारत ने स्पष्ट किया कि नेपाल में लोकतंत्र और शांति बहाली के प्रयासों में वह पूरी तरह साथ है। सूत्रों के अनुसार, बातचीत में आर्थिक और विकास सहयोग, आपसी समझौते और रणनीतिक मामलों पर भी सहमति बनी।

नेपाल में लेफ्ट पार्टियों की राजनीतिक स्थिति कमजोर होने के बाद हिंदू-धर्मनिरपेक्ष सत्ता के पक्ष में बदलाव की संभावनाएं बढ़ गई हैं। हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक बदलाव के बाद देश में अस्थिरता का माहौल बना हुआ था। इस परिस्थितियों में भारत की सक्रिय कूटनीतिक भूमिका को नेपाल के स्थिरता प्रयासों में अहम माना जा रहा है।

सुरक्षा और खुफिया सूत्रों ने बताया कि नेपाल में चीन और अमेरिका से जुड़े एजेंटों की गतिविधियों पर रॉ ने कड़ी नजर रखी और संभावित प्रभाव को कम करने के लिए कार्रवाई की। इस कदम से भारत ने यह सुनिश्चित किया कि पड़ोसी देश में किसी भी विदेशी प्रभाव से लोकतांत्रिक प्रक्रिया और भारत के हितों को खतरा न पहुंचे।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नेपाल में स्थिरता और भारत का प्रभाव क्षेत्रीय संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी का हस्तक्षेप नेपाल में राजनीतिक और कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा को भी मजबूत करता है।

आने वाले दिनों में नेपाल में राजनीतिक परिस्थितियों और भारत-नेपाल कूटनीति के बीच संतुलन महत्वपूर्ण रहेगा। भारत की सक्रिय भूमिका और रॉ की निगरानी इस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने में निर्णायक साबित हो सकती है, जबकि चीन और अमेरिका की गतिविधियों पर नजर रखना भी जारी रहेगा।