प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के मौके पर राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई दी और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। लेकिन इस खास दिन पर उन्हें एक बड़ा झटका लगा। पटना हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां पर आधारित एक विवादित AI वीडियो को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से तत्काल हटाने का सख्त निर्देश दिया। इसके अलावा, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए राहुल गांधी को “सकारात्मक सोच वाला नेता” बताया। इसपर भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी की आलोचना की और उन्हें पाकिस्तान का साथी बताया।

पटना हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि विवादित वीडियो प्रधानमंत्री मोदी और उनकी दिवंगत मां पर अपमानजनक सामग्री प्रस्तुत करता है। कोर्ट ने कांग्रेस से निर्देश दिया कि वीडियो को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पी.बी. बाजंतरी की अदालत ने यह निर्णय सुनाया। अदालत का कहना है कि इस तरह की सामग्री संविधान के अनुच्छेदों और नागरिक सम्मान के खिलाफ है, इसलिए इसे सोशल मीडिया से हटाना अनिवार्य है।

इसी बीच, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में अफरीदी ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए राहुल गांधी की तारीफ की। उन्होंने राहुल गांधी को “सकारात्मक सोच वाला नेता” बताया। इस बयान पर भारतीय राजनीति में हलचल मच गई। भाजपा नेताओं ने अफरीदी के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। भाजपा ने साफ किया कि राहुल गांधी अब पाकिस्तान के समर्थन में खड़े हो गए हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग राहुल गांधी को पाकिस्तान का समर्थक बताने लगे हैं।

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से राजनीतिक चर्चा का विषय बना दिया है कि जब देश अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर एकजुट होकर उनके योगदान का जश्न मना रहा था, उसी समय विपक्षी नेता पर गंभीर आरोप लगने लगे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह विवाद आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों से भी जुड़ा हो सकता है।

राजनीतिक गलियारों में यह बहस जारी है कि क्या पाकिस्तान से मिली इस सराहना को राहुल गांधी की राजनीतिक कमजोरी कहा जा सकता है। देशभर में इस मामले को लेकर तीव्र प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। भविष्य में इस मुद्दे पर कानूनी और राजनीतिक लड़ाई आगे बढ़ेगी या नहीं, यह देखना बाकी है।