पाकिस्तान में 20 सितंबर को एक बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, जिसे ‘मिशन नूर’ का नाम दिया गया है। इस आंदोलन का उद्देश्य पाकिस्तान के सेना प्रमुख, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ असंतोष व्यक्त करना है। समर्थकों का कहना है कि यदि मुनीर ने इस समय सीमा के भीतर कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया, तो पाकिस्तान में व्यापक अशांति फैल सकती है।

‘मिशन नूर’ का उद्देश्य और आह्वान

‘मिशन नूर’ के तहत, पाकिस्तान के नागरिकों से अपील की गई है कि वे 20 सितंबर की रात 9 बजे अपने घरों की छतों पर जाएं, जोर से अजान पढ़ें और इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा करें। इसका उद्देश्य यह है कि दुनिया को दिखाया जा सके कि मुनीर और शरीफ की सरकार के खिलाफ जनता में गहरा असंतोष है।

विरोध की पृष्ठभूमि और बढ़ती असहमति

पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में, जैसे बलूचिस्तान, खैबर पख़्तूनख़्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान में, मुनीर की नीतियों के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है। समर्थकों का कहना है कि यदि मुनीर ने इस समय सीमा के भीतर कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया, तो पाकिस्तान में व्यापक अशांति फैल सकती है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएँ

पाकिस्तान में बढ़ते असंतोष को देखते हुए, यह संभावना जताई जा रही है कि यदि ‘मिशन नूर’ सफल रहता है, तो इसके बाद और भी बड़े आंदोलन हो सकते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह आंदोलन पाकिस्तान की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है।

इस आंदोलन के परिणाम पाकिस्तान की राजनीतिक दिशा और नेतृत्व की स्थिरता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। 20 सितंबर को होने वाला विरोध प्रदर्शन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।