उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 को लेकर बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। NDA के उम्मीदवार चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन के बाद अब विपक्षी गठबंधन ने भी अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को घोषणा की कि विपक्ष की ओर से पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुरदर्शन रेड्डी चुनाव मैदान में होंगे। इस ऐलान के साथ ही उपराष्ट्रपति चुनाव अब सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सीधी टक्कर का रूप ले चुका है।

बी. सुरदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रहे हैं और अपनी निष्पक्षता एवं कानूनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं। उनका नाम लंबे विचार-विमर्श के बाद विपक्ष ने तय किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विपक्षी गठबंधन को उम्मीद है कि रेड्डी का व्यापक अनुभव और न्यायपालिका से उनका गहरा जुड़ाव उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाएगा।

इसी बीच, NDA ने रविवार को सी. पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था। राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और इससे पहले वे झारखंड के राज्यपाल भी रह चुके हैं। NDA की ओर से उनका नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व की सहमति से तय किया गया।

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक सरगर्मी लगातार तेज हो रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि संसद में बहुमत का आंकड़ा NDA के पक्ष में है, लेकिन विपक्षी गठबंधन ने सुरदर्शन रेड्डी को उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। विपक्ष का मानना है कि यह चुनाव केवल संख्या का नहीं बल्कि संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा का भी सवाल है।

चुनाव आयोग के अनुसार उपराष्ट्रपति चुनाव अगले महीने संसद भवन में होगा, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सांसद मतदान करेंगे। चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद परिणाम की घोषणा उसी दिन कर दी जाएगी।

NDA और विपक्ष दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिससे मुकाबला अब पूरी तरह तय हो गया है। आने वाले दिनों में दोनों पक्ष प्रचार रणनीति और समर्थन जुटाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

उपराष्ट्रपति चुनाव का यह मुकाबला न केवल राजनीतिक संतुलन तय करेगा बल्कि देश की उच्च संवैधानिक संस्थाओं की दिशा और भविष्य के लिए भी अहम माना जा रहा है। सभी की निगाहें अब संसद भवन में होने वाले इस चुनाव पर टिकी रहेंगी।