सी. पी. राधाकृष्णन ने रविवार को महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की। राजभवन, मुंबई में आयोजित एक गरिमामय समारोह में बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। यह नियुक्ति महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि राधाकृष्णन अपने व्यापक प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव के साथ इस भूमिका में कदम रख रहे हैं।

सी. पी. राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में हुआ था। उन्होंने वी. ओ. चिदंबरम कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। कॉलेज के दिनों में वे टेबल टेनिस और लंबी दूरी की दौड़ में सक्रिय रहे। उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत जनसंघ से हुई, और वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़े रहे। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता के रूप में, उन्होंने 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, वे 1998 और 1999 में कोयंबत्तूर से लोकसभा सांसद चुने गए।

राधाकृष्णन का प्रशासनिक अनुभव भी उल्लेखनीय है। फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक वे झारखंड के राज्यपाल रहे, साथ ही तेलंगाना और पुडुचेरी के अतिरिक्त प्रभार में भी कार्यरत रहे। उन्होंने कोयर बोर्ड, कोच्चि के अध्यक्ष के रूप में कोयर निर्यात को 2,532 करोड़ रुपये तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी 19,000 किलोमीटर लंबी वाहिनी यात्रा, जिसका उद्देश्य नदियों को जोड़ना, आतंकवाद समाप्त करना, समान नागरिक संहिता को बढ़ावा देना, और नशा विरोधी संदेश फैलाना था, ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।

महाराष्ट्र के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राधाकृष्णन का अनुभव और उनकी संगठनात्मक क्षमता राज्य के लिए लाभकारी होगी। एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, “उनका प्रशासनिक अनुभव और सामाजिक मुद्दों पर सक्रियता महाराष्ट्र के विकास में नई दिशा दे सकती है।” उनकी नियुक्ति को केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय का संकेत माना जा रहा है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में राधाकृष्णन के सामने कई चुनौतियां होंगी, विशेष रूप से विधायी और प्रशासनिक मामलों में संतुलन बनाए रखना। उनकी यह नई भूमिका न केवल महाराष्ट्र, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी उनके प्रभाव को और मजबूत कर सकती है।