भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। आधिकारिक तौर पर स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, इस्तीफे के पीछे सरकार के साथ लंबे समय से चली आ रही तनातनी और उनकी तीन प्रमुख मांगें रहीं, जिन्हें केंद्र सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया था।

सूत्रों का कहना है कि उपराष्ट्रपति धनखड़ का कार्यशैली को लेकर मंत्रियों से विवाद होता रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, कई वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री उनके रवैये से असंतुष्ट थे। एक बार उन्होंने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सार्वजनिक रूप से फटकार लगा दी थी, जिससे टकराव और बढ़ा।

मांग 1: सरकारी दफ्तरों में फोटो लगाने की मांग

धनखड़ चाहते थे कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ-साथ उपराष्ट्रपति की तस्वीर भी सभी सरकारी कार्यालयों में लगाई जाए। उन्होंने यह मुद्दा कई बार उठाया, लेकिन सरकार ने इसे परंपरा से हटकर और गैर-जरूरी बताते हुए अस्वीकार कर दिया। अभी तक केवल प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तस्वीरें ही सरकारी दफ्तरों में लगाई जाती हैं।

मांग 2: अमेरिकी उपराष्ट्रपति से उच्चस्तरीय वार्ता की चाह

अप्रैल में जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर आए, तो धनखड़ उनके साथ एक उच्चस्तरीय बैठक का नेतृत्व करना चाहते थे। हालांकि, उन्हें स्पष्ट किया गया कि वेंस अमेरिकी राष्ट्रपति का विशेष संदेश लेकर आए हैं, जो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित था। इस कारण उन्हें वार्ता का नेतृत्व करने की अनुमति नहीं मिली, जिससे असहमति और बढ़ी।

मांग 3: काफिले में मर्सिडीज-बेंज की मांग

धनखड़ ने अपने काफिले की सभी गाड़ियों को मर्सिडीज-बेंज में बदलने की मांग की थी। सरकार ने इसे अत्यधिक खर्चीला और असंगत बताते हुए खारिज कर दिया। यह मांगें बार-बार उठाए जाने से सरकार और उपराष्ट्रपति के बीच रिश्तों में खटास बढ़ गई।

कौन हो सकते हैं अगले उपराष्ट्रपति?

धनखड़ के इस्तीफे के बाद नए उपराष्ट्रपति की तलाश तेज हो गई है। संभावित नामों में हरिवंश नारायण सिंह, आरिफ मोहम्मद खान, राजनाथ सिंह, ओम माथुर, रामनाथ ठाकुर, रमा देवी, नीतीश कुमार, बंडारू दत्तात्रेय और शशि थरूर शामिल हैं। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय एनडीए और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में होगा।

धनखड़ का इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य कारणों तक सीमित नहीं दिखता। उनकी मांगों और सरकार के साथ टकराव ने इस्तीफे की पृष्ठभूमि तैयार की। अब सबकी नजरें नए उपराष्ट्रपति के नाम की घोषणा पर टिकी हैं, जो अगस्त के अंत तक हो सकती है।