अमेरिका और इजरायल के बीच 510 मिलियन डॉलर (लगभग 4300 करोड़ रुपये) की हथियार डील को अंतिम मंजूरी दे दी गई है। इस डील के तहत अमेरिका इजरायल को जॉइंट डायरेक्ट अटैक म्यूनिशन (JDAM) किट्स मुहैया कराएगा। इस रणनीतिक करार पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच सहमति बनी है। समझौते के बाद पश्चिम एशिया में तनाव तेज हो गया है और ईरान की राजधानी तेहरान में तीन बड़े धमाके भी हुए हैं।

JDAM किट्स ऐसे स्मार्ट सिस्टम होते हैं जो साधारण बमों को सटीक निशाना साधने वाले स्मार्ट हथियारों में बदल देते हैं। अमेरिका की इस डील के जरिए इजरायल को 1800 JDAM किट्स, हजारों फ्यूज और बम बॉडीज़ दी जाएंगी। इससे इजरायली वायुसेना की मारक क्षमता और बढ़ेगी। पेंटागन के मुताबिक, यह डील अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के अनुरूप है और इससे इजरायल की आत्मरक्षा की क्षमता मजबूत होगी।

डील के बाद फतवा और धमाके

डील की घोषणा के बाद पश्चिम एशिया में हलचल बढ़ गई है। ईरान समर्थित कट्टरपंथी गुटों की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और नेतन्याहू के खिलाफ कथित तौर पर फतवा जारी किया गया है। इन पर “इस्लाम और क्षेत्रीय स्थिरता के खिलाफ साजिश” का आरोप लगाया गया है। इसके कुछ ही घंटों बाद तेहरान में लगातार तीन शक्तिशाली धमाके हुए। ईरान ने हालांकि इन धमाकों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

ईरान की प्रतिक्रिया और बढ़ती चिंताएं

ईरान पहले ही अमेरिका और इजरायल की नीतियों को लेकर सख्त रुख अपना चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हथियार डील ईरान को सीधे तौर पर उकसाने वाली है, खासकर ऐसे समय में जब क्षेत्र में पहले से ही तनाव की स्थिति है। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, ईरान जल्द ही संयुक्त राष्ट्र में इस डील के खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज करा सकता है।

इस डील के बाद अमेरिका, इजरायल और ईरान के बीच जारी तनाव और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह समझौता सिर्फ एक हथियार डील नहीं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है कि अमेरिका इजरायल की सैन्य क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। अब यह देखना होगा कि ईरान इस पर किस तरह की रणनीतिक प्रतिक्रिया देता है।

डोनाल्ड ट्रंप और नेतन्याहू के बीच हुई यह डील केवल सैन्य सहयोग नहीं बल्कि भू-राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकती है। जहां इजरायल को इससे बड़ा सामरिक फायदा मिलेगा, वहीं ईरान और अमेरिका-इजरायल गठजोड़ के बीच टकराव की आशंका अब और गहराती दिख रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चा का विषय बन सकता है।