केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली में अचानक आई हलचल ने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच वरिष्ठ मंत्रियों को एक विशेष निर्देश दिया है, जो 10 जनपथ से संबंधित एक बड़े प्रशासनिक कदम से जुड़ा है। सरकार ने पाया है कि 10 जनपथ से जुड़ी 51 सरकारी फाइलें गायब हैं, जो देश की प्रशासनिक और राजनीतिक व्यवस्था के लिए बेहद गंभीर मामला है।

सूत्रों के अनुसार, इन दस्तावेज़ों की अनुपस्थिति ने केंद्र सरकार को चौकन्ना कर दिया है। इन फाइलों में कई महत्वपूर्ण सरकारी जानकारियाँ, आदेश, तथा ऐतिहासिक अभिलेख होने की आशंका जताई जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री ने पांच प्रमुख मंत्रियों को इस विषय में ठोस और त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

सरकार की ओर से कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को नोटिस जारी किया गया है, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। जानकारी के अनुसार, नोटिस में 10 जनपथ स्थित आवास को जल्द खाली करने को कहा गया है। यह वही आवास है जहां सोनिया गांधी लंबे समय से रह रही हैं, और जिसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के निधन के बाद से कांग्रेस का एक प्रमुख केंद्र माना जाता रहा है।

नोटिस मिलने के बाद सोनिया गांधी और कांग्रेस नेतृत्व में चिंता साफ देखी जा सकती है। 51 लापता दस्तावेज़ों की जांच के साथ-साथ 10 जनपथ को खाली कराने की प्रक्रिया अब औपचारिक रूप से शुरू हो चुकी है। इस घटनाक्रम से राजनीतिक माहौल गर्मा गया है और विपक्षी दलों ने भी इस पर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है।

यह कार्रवाई ऐसे समय में हो रही है जब केंद्र सरकार पारदर्शिता, जवाबदेही और सरकारी संसाधनों के उचित उपयोग पर जोर दे रही है। अब यह देखना होगा कि आगे की जांच में क्या खुलासे होते हैं और इन दस्तावेज़ों की वापसी या स्थिति पर सरकार क्या रुख अपनाती है।