ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के लिए वक्त अब खत्म होता दिख रहा है। एक दौर था जब खामनेई ने अमेरिका को ‘बड़ा शैतान’ और इजराइल को ‘कैंसर ट्यूमर’ कहकर नफरत की भाषा बोली थी। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दो टूक कहा है कि “खामनेई की हत्या से ही जंग खत्म होगी।” और अब इस बयान की पृष्ठभूमि में पूरी दुनिया को खामनेई की मौत की तैयारी नजर आने लगी है।
ईरान-इजरायल युद्ध अब आधिकारिक युद्ध में बदल चुका है। इस बीच अमेरिका ने भी पूरी ताकत से इस संघर्ष में एंट्री कर ली है। जी7 बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा कि वह सीजफायर के लिए नहीं, बल्कि निर्णायक कार्रवाई के लिए वाशिंगटन लौटे हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि उन्हें खामनेई का ठिकाना मालूम है। दूसरी ओर इजराइल ने मोसाद के 200 से अधिक एजेंट ईरान में सक्रिय कर दिए हैं, और अब यह साफ हो गया है कि खामनेई का बच पाना नामुमकिन है।
बंकर बस्टर से होगा खामनेई का अंत, पाकिस्तान भी टारगेट पर
खामनेई का ठिकाना तेहरान से करीब 343 किमी दूर लाविजान की पहाड़ियों में 200 फीट गहराई में बना बंकर बताया जा रहा है, जहां वह अपने परिवार सहित छिपा बैठा है। अमेरिका के पास ‘बंकर बस्टर’ नामक अत्याधुनिक हथियार मौजूद हैं, जिन्हें उसके B2 बॉम्बर विमान से दागा जा सकता है। यह बम ज़मीन के 200 फीट अंदर तक जाकर किसी भी अंडरग्राउंड ठिकाने को पूरी तरह तबाह करने की क्षमता रखता है।
इतिहास खुद को दोहरा रहा है। जिस तरह 2003 में अमेरिका ने इराक पर झूठे आरोप लगाकर सद्दाम हुसैन को फांसी पर चढ़ाया था, उसी स्क्रिप्ट को अब खामनेई के लिए दोहराया जा रहा है। ईरान की आंतरिक स्थिति भी डगमगाई हुई है। आर्थिक संकट, प्रदर्शन और कट्टरवाद के विरोध से ईरान कमजोर हो चुका है। दुनिया भी साइलेंट अप्रूवल के जरिए इस मिशन के लिए अमेरिका और इजराइल को हरी झंडी दे चुकी है।
साथ ही पाकिस्तान को लेकर भी अमेरिका का रुख सख्त है। ट्रंप ने असीम मुनीर को व्हाइट हाउस बुलाकर साफ चेतावनी दी है कि अगर ईरान के पक्ष में गए, तो उनका अंजाम खामनेई से भी बुरा होगा। इस तरह खामनेई के खात्मे की उलटी गिनती अब अंतिम मोड़ पर पहुंच चुकी है, और दुनिया उस निर्णायक खबर का इंतजार कर रही है।