उत्तर प्रदेश और दिल्ली में हाल ही के दिनों में पुलिस एनकाउंटर की घटनाएं लगातार सुर्खियों में हैं। यूपी में बदमाशों के खिलाफ पुलिस का ‘लंगड़ा ऑपरेशन’ जहां लगातार तेजी से जारी है, वहीं कई मामलों में पुलिस की मुठभेड़ों पर सवाल भी उठ रहे हैं। मथुरा से लेकर गाजियाबाद, रायबरेली और बांदा तक पुलिस और अपराधियों के बीच हुई मुठभेड़ों में कई बदमाश घायल हुए हैं और गिरफ्तार भी। वहीं आगरा में एक एनकाउंटर को फर्जी बताकर कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के मथुरा में बदमाशों के साथ हुई मुठभेड़ में एक आरोपी विनोद घायल हुआ, जबकि दूसरे आरोपी ने सरेंडर कर दिया। पुलिस को दोनों के पास से तमंचा, कारतूस और चोरी के जेवरात मिले। गाजियाबाद में विजयनगर थाना क्षेत्र में भी पुलिस ने मुठभेड़ में एक बदमाश को गोली मारकर गिरफ्तार किया। वहीं रायबरेली में भैंस चोरी के आरोपियों के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें दोनों आरोपियों के पैर में गोली लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बांदा और ललितपुर में भी एक्शन
बांदा के चिल्ला थाना क्षेत्र में एक तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोपी को पुलिस ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया। आरोपी के पैर में गोली लगी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। ललितपुर में हाईवे पर लूट करने वाले दो लुटेरों के साथ मुठभेड़ हुई, जिनमें एक गिरफ्तार हुआ जबकि दूसरा फरार है।
फर्जी एनकाउंटर का आरोप और कोर्ट की सख्ती
आगरा के थाना रकाबगंज क्षेत्र में गौकशी के आरोपी इमरान ने कोर्ट में बयान दिया कि पुलिस ने पहले पीटा और फिर गोली मारी। कोर्ट ने दोबारा मेडिकल जांच के आदेश दिए, जिसमें नई चोटों की पुष्टि हुई। इसके बाद डीजीपी को पत्र लिखकर पुलिस पर मुकदमा दर्ज करने और विभागीय जांच की सिफारिश की गई है।
दिल्ली में भी एनकाउंटर के ज़रिए अपराधियों पर शिकंजा कसने की कोशिशें जारी हैं। रोहिणी और कालिंदी कुंज में दो अलग-अलग मामलों में गैंगस्टरों और हत्या के आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के पास से अवैध हथियार, चोरी की बाइक और कारतूस बरामद हुए हैं।