संभल से सांसद जियाउर्रहमान बर्क एक बार फिर कानूनी पचड़े में फंसते नजर आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे अवैध सरकारी आवास कब्जा मामले में बर्क ने न सिर्फ दोष कबूल किया है, बल्कि कोर्ट में जुर्माना भरने की इच्छा भी जताई है। हालांकि, मामला यहीं नहीं रुका है। अगर अदालत को बर्क का रवैया संतोषजनक नहीं लगा, तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। इस प्रकरण की अगली सुनवाई 12 जून को होनी है, जहां उनकी सजा या राहत का फैसला हो सकता है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा कदम उठा सकते हैं।
जुर्माना भरने को तैयार, फिर भी जेल की तलवार
मामला उस वक्त गरमा गया जब कोर्ट में पेश हुए जियाउर्रहमान बर्क ने खुद माना कि उन्होंने सरकारी आवास का अनुचित रूप से उपयोग किया। उन्होंने अपनी गलती स्वीकारते हुए जुर्माना भरने की बात कही। लेकिन कानून सिर्फ जुर्माने से नहीं चलता, खासकर जब मामला एक जनप्रतिनिधि से जुड़ा हो। कोर्ट इस पर विचार कर रहा है कि क्या केवल आर्थिक दंड पर्याप्त होगा या फिर उदाहरण पेश करने के लिए सजा भी जरूरी है। ऐसे में सांसद बर्क की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
योगी सरकार का कड़ा रुख
उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही अवैध कब्जों और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग पर सख्ती दिखा रही है। ऐसे में एक सत्ताधारी पार्टी के सांसद का नाम इस तरह के मामले में सामने आना सरकार की छवि के लिए भी चुनौती बन सकता है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पूरे प्रकरण पर नजर बनाए हुए हैं और यदि जरूरत पड़ी तो कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे। यह भी संभावना है कि पार्टी स्तर पर भी बर्क से जवाब मांगा जाए या अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
बता दें कि जियाउर्रहमान बर्क, जो संभल से सांसद हैं, पहले भी कई विवादों में रह चुके हैं। लेकिन इस बार मामला गंभीर है और उनके राजनीतिक करियर पर भी असर डाल सकता है। 12 जून की सुनवाई इस पूरे घटनाक्रम का निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।