बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में सियासी हलचल तेज हो गई है। पटना में कल कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की ऐतिहासिक बैठक होने जा रही है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई बड़े नेता शामिल होंगे। बैठक का उद्देश्य बिहार चुनाव को लेकर रणनीति तय करना और उम्मीदवारों की सूची पर अंतिम निर्णय लेना है।

हालांकि, बैठक से पहले पार्टी के सामने चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। पटना नगर निगम ने शहर में लगे कांग्रेस के बैनर और पोस्टर हटाने की कार्रवाई की है। ये बैनर और पोस्टर CWC बैठक में आने वाले नेताओं के स्वागत के लिए लगाए गए थे। नगर निगम की टीम ने बिजली के खंभों पर लगे झंडे और पोस्टर हटा दिए, जिससे पार्टी की तैयारी प्रभावित हुई है।

महागठबंधन में सीटों के बंटवारे और सीएम फेस को लेकर भी खींचतान सामने आई है। पार्टी के अंदर इस मसले पर विवाद और असंतोष की आवाजें बढ़ रही हैं। वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया पर एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि जेन-एक्स, वाई और जेड पीढ़ियों के लोग किसी के विशेषाधिकार को बर्दाश्त नहीं करते। इस बयान को कांग्रेस में राहुल गांधी के नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष हमला माना जा रहा है।

इसके अलावा, राहुल गांधी के खिलाफ एमपी/एमएलए कोर्ट में अमित शाह के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में सुनवाई जारी है। आज उनके अधिवक्ता काशी शुक्ला ने गवाह से जिराह पूरी की। कोर्ट ने अगली सुनवाई 6 अक्टूबर के लिए निर्धारित की है।

विशेषज्ञों के अनुसार, बिहार में कांग्रेस का संगठन फिलहाल कमजोर नजर आ रहा है। पार्टी का वोट बैंक कमजोर होने और संगठन में विद्रोह की खबरों के बीच CWC बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह बैठक कांग्रेस के लिए रणनीतिक मोड़ साबित हो सकती है, जिसमें आगामी चुनाव में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के प्रयास होंगे।

बैठक के परिणाम और अंदरूनी रणनीति पर आने वाले हफ्तों में ही स्पष्टता आएगी। वहीं, बिहार चुनाव की तैयारियों और गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर राजनीतिक माहौल और गहरा सकता है। कांग्रेस की इस बैठक से न केवल उम्मीदवारों की सूची तय होगी, बल्कि पार्टी के अंदरूनी समन्वय और संगठनात्मक मजबूती को लेकर भी संकेत मिलेंगे।