इस बार उत्तर प्रदेश में चुनावी घमासान देखने को मिल सकता है. 2017 में जहां मुद्दे अलग थे. वही अखिलेश की सरकार के विकास के दावों को जनता ने सिरे से खारिज कर दिया था. इस बार बीजेपी की सरकार ने अलग-अलग मुद्दों को उठाकर चुनाव में जीत दर्ज करने की रणनीति बनाई है.तो वहीं समाजवादी पार्टी अपने पुराने कामों को गिनवाकर औऱ भाजपा से  किसानो की नाराजगी , कानून व्यवस्था की खामियों  को मुद्दा बना रही है.तो वहीं बहुजन समाज पार्टी अपने खोते हुए जनाधार  को बचाने के लिए मैदान में उतरेगी.कांग्रेसी भी डूबती नैया को पार लगाने के लिए लगातार उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं.लखीमपुर खीरी जैसे मुद्दे को भुनाने कोशिश में  जुटी हुई है.वही इस चुनाव में सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे के जरिए भी अपनी जमीन को दोबारा तैयार करने में जुटी हैं.लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है.यूपी में योगी जी सबकी पहली पसंद है.फिर किसी और मुद्दे के साथ हाजिर होगे.