अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की वैश्विक धूम, ईरान-इजरायल के बीच जारी विनाशकारी संघर्ष, भारत की विदेश नीति पर विपक्ष का हमला और केंद्र सरकार की ओर से पाकिस्तान पर सख्त रुख—देश और दुनिया की ये पांच अहम घटनाएं फिलहाल सुर्खियों में हैं। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री मोदी योग को विश्वशांति का माध्यम बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पश्चिम एशिया मं् युद्ध की आग भड़की हुई है। इसी बीच कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सरकार की चुप्पी को लेकर सवाल उठा रही हैं, और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पाकिस्तान के खिलाफ जल समझौते को खत्म करने का एलान कर चुके हैं। उधर, राहुल गांधी ‘मेक इन इंडिया’ को लेकर केंद्र पर तीखा हमला बोल रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विशाखापत्तनम में तीन लाख से अधिक लोगों के साथ योग दिवस मनाया। उनके साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद रहे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी योग कर देशवासियों को संदेश दिया। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पूरी दुनिया तनाव से जूझ रही है और योग इसे दूर करने का एक प्रभावी माध्यम है। उनके अनुसार, योग एक ऐसा “पॉज बटन” है जो जीवन की उथल-पुथल में मानसिक शांति देता है।

ईरान-इजरायल जंग ने पकड़ा विकराल रूप

इस बीच, ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग नौवें दिन में प्रवेश कर चुकी है। इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों और इंडस्ट्रियल एरिया पर मिसाइल हमले किए, जिसमें दो वरिष्ठ ईरानी कमांडर मारे गए। इनमें सईद इजादी नामक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं। इजरायल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह युद्ध लंबा चल सकता है। वहीं ईरान ने भी जवाबी मिसाइल हमले किए हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव और गहराता जा रहा है।

विदेश नीति पर सियासी घमासान

इधर भारत में विपक्ष ने इस अंतरराष्ट्रीय संकट पर सरकार की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए हैं। सोनिया गांधी ने एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर भारत की चुप्पी को मूल्यों का त्याग बताया और कहा कि ईरान हमेशा भारत का दोस्त रहा है। वहीं, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि सोनिया को विदेश नीति की कोई समझ नहीं है। इसी क्रम में गृहमंत्री अमित शाह ने सिंधु जल संधि को स्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा कर दी। उनका आरोप है कि पाकिस्तान ने लगातार समझौते का उल्लंघन किया, इसलिए भारत अब पानी रोकने का फैसला कर चुका है।

इस पूरी राजनीतिक हलचल के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सरकार को घेरते हुए ‘मेक इन इंडिया’ को फ्लॉप बताया। उन्होंने कहा कि भारत में निर्माण के नाम पर केवल असेंबलिंग हो रही है और इसका लाभ सीधे चीन को मिल रहा है। उनका दावा है कि सरकार नारे तो देती है, पर समाधान नहीं देती।