राजा हत्याकांड में आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है। मुख्य आरोपी सोनम समेत पांचों आरोपियों की रिमांड आज खत्म हो रही है और पुलिस कोर्ट से रिमांड बढ़ाने की मांग करेगी। अभी तक की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उन्होंने इस सनसनीखेज मामले को और उलझा दिया है। सोनम की भूमिका, पैसों का लेनदेन, फर्जी दस्तावेज और गायब मोबाइल फोन—इन सबने कई नए सवाल खड़े कर दिए हैं जिनका जवाब पुलिस आने वाले दिनों में तलाशना चाहती है।
पुलिस अब तक की जांच में इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है कि हत्या का मकसद केवल दोस्ती था या इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र था। सोनम ने पूछताछ में दावा किया है कि उसने यह कदम दोस्ती के कारण उठाया, लेकिन पुलिस को शक है कि यह मामला सिर्फ भावनात्मक नहीं बल्कि आर्थिक लेनदेन से भी जुड़ा हो सकता है। जानकारी के मुताबिक, सोनम को खर्चे के नाम पर 50 हजार रुपये दिए गए थे। पुलिस यह जानना चाहती है कि क्या यह रकम किसी साजिश का हिस्सा थी या वाकई में सिर्फ खर्च के लिए थी।
गायब मोबाइल और फर्जी सिम बना बड़ा सुराग
जांच में एक और अहम खुलासा सामने आया है कि मृतक राज ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए एक सिम कार्ड लिया था, जिसका इस्तेमाल वह सोनम से संपर्क में रहने के लिए करता था। अब तक कुल चार मोबाइल फोन की तलाश जारी है, जिनमें से तीन अभी भी नहीं मिले हैं। ये फोन सोनम और राजा के पास थे और इनका डेटा साजिश के अहम सुराग दे सकता है।
क्या कोई और भी है साजिश में शामिल?
पुलिस को शक है कि इस पूरी साजिश में कोई छठा व्यक्ति भी शामिल हो सकता है, जिसकी भूमिका अभी सामने नहीं आई है। वहीं, सोनम के परिवार वालों की भूमिका पर भी पुलिस गंभीरता से नजर बनाए हुए है। क्या सोनम ने अकेले यह हत्या की योजना बनाई या उसे किसी का समर्थन मिला—यह सवाल अभी अनुत्तरित है।
कोर्ट में पुलिस 14 दिन की रिमांड की मांग कर सकती है, जिसमें से आठ दिन पहले ही पूरे हो चुके हैं। शेष छह दिनों में पुलिस की कोशिश इन सारे अनसुलझे सवालों के जवाब ढूंढने की होगी।