संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एक बार फिर विरोध प्रदर्शन के केंद्र में रहे। संसद परिसर में विपक्षी नेताओं के साथ उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण योजना (SIR) के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। वहीं दूसरी ओर, राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश की वाराणसी एमपी-एमएलए कोर्ट में सिख समुदाय को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
संसद के मानसून सत्र में बुधवार को विपक्ष ने SIR के मुद्दे को लेकर जोरदार विरोध किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और अन्य विपक्षी सांसदों ने संसद भवन के मकर द्वार पर प्रदर्शन किया। हाथों में बैनर और तख्तियां लिए इन नेताओं ने केंद्र सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन का आरोप लगाया। लोकसभा में लगातार नारेबाजी और हंगामे के चलते स्पीकर को कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
इसी बीच राहुल गांधी को एक और मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सिख समुदाय को लेकर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। अदालत ने इस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। आरोप है कि राहुल गांधी ने अमेरिका में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान ऐसा बयान दिया जिससे सिखों की भावनाएं आहत हुईं। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि उनके बयान का समर्थन कथित खालिस्तानी आतंकवादी गुरवंत सिंह पन्नू ने किया था।
इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी अपने बयान को गलत तरीके से पेश किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण देने के लिए तैयार हैं।
राहुल गांधी को संसद और कोर्ट दोनों ही मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ विपक्षी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते हुए वह लगातार सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कानूनी मसलों में उलझना उनके लिए राजनीतिक तौर पर भारी पड़ सकता है। आने वाले दिनों में संसद सत्र और अदालत की कार्यवाही में इस मामले पर और तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।