संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन यानी सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा में भारी हंगामा देखने को मिला। चुनाव आयोग द्वारा बिहार में शुरू किए गए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के खिलाफ विपक्षी दलों ने संसद के भीतर और बाहर जोरदार विरोध दर्ज कराया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव काले कपड़ों में विरोध जताते नजर आए। इस बीच, देश के नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया भी चुनाव आयोग ने शुरू कर दी है।

संसद के दोनों सदनों में सोमवार को कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। विपक्षी सांसदों ने चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया को लेकर नारेबाजी की और कार्यवाही रोक दी। विपक्ष का आरोप है कि SIR के नाम पर मतदाता सूची में गड़बड़ियां की जा रही हैं और इससे निष्पक्ष चुनाव पर असर पड़ेगा।

राहुल गांधी और अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेता काले वस्त्रों में संसद पहुंचे और संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार के दबाव में काम कर रहा है और SIR की आड़ में मतदाता सूची से नाम हटाए जा रहे हैं।

दूसरी ओर, संसद में हंगामे के बीच चुनाव आयोग ने घोषणा की कि देश के नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। आयोग के मुताबिक, “चुनाव प्रक्रिया अब शुरू हो चुकी है और जल्द ही तारीखों का ऐलान किया जाएगा।” जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद यह चुनाव आवश्यक हो गया है।

बिहार विधानसभा में भी SIR और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भारी हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच तीखी बहस देखी गई। तेजस्वी यादव ने SIR को “लोकतंत्र पर हमला” बताया, जबकि नीतीश कुमार ने इसे “प्रक्रियागत सुधार” करार दिया।

संसद और विधानसभा दोनों में SIR को लेकर उठे विरोध ने इसे एक राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस विवाद पर क्या स्पष्टीकरण देता है और उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया कितनी पारदर्शिता से आगे बढ़ती है।