संसद का मॉनसून सत्र शुक्रवार को भारी हंगामे के बीच खत्म हुआ। विपक्ष ने बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) पर चर्चा की मांग को लेकर जोरदार विरोध किया, जबकि सत्ता पक्ष ने इसे राजनीतिक मुद्दा बताया। लगातार शोर-शराबे और नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया और सांसदों को कड़ी फटकार भी लगाई।

सत्र के अंतिम दिन विपक्षी सांसदों ने बिहार SIR मामले को उठाते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा। विपक्ष का आरोप था कि मतदाता सूची में अनियमितताओं के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। हंगामे के कारण कई बार कार्यवाही बाधित हुई और अंततः स्पीकर को इसे स्थगित करना पड़ा।

लोकसभा स्पीकर की कड़ी टिप्पणी

लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हुए सांसदों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि संसद की गरिमा बनाए रखना सभी दलों की जिम्मेदारी है और लगातार हंगामा करना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।

चाय पार्टी से गैरहाजिर रहे राहुल गांधी

सत्र के समापन पर आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी शामिल नहीं हुए। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई। कुछ नेताओं ने इसे विपक्ष के भीतर असहमति का संकेत बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे “राहुल गांधी की व्यस्तताओं” से जोड़ा।

उपराष्ट्रपति चुनाव की हलचल

इसी बीच उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी हलचल तेज हो गई। इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान ब्लॉक के शीर्ष नेता मौजूद रहे, जिससे विपक्षी एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की गई।

मॉनसून सत्र का समापन उस समय हुआ जब देश की राजनीति में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच टकराव चरम पर है। बिहार SIR विवाद से लेकर उपराष्ट्रपति चुनाव तक, दोनों खेमे एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सत्र आगामी चुनावी मौसम की दिशा तय करने में अहम साबित हो सकता है।

अब नजरें उपराष्ट्रपति चुनाव और बिहार SIR पर केंद्र सरकार की संभावित प्रतिक्रिया पर होंगी। संसद का यह सत्र भले ही हंगामे के साथ खत्म हुआ हो, लेकिन इसके असर का राजनीतिक परिदृश्य पर लंबे समय तक प्रभाव पड़ सकता है।