मोदी सरकार ने जब से संसद का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया हैं. तब से विपक्षी पार्टियों की धड़कने तेज हैं. चर्चाऔं का बाजार भी गर्म है. किसी ने कहा कि मोदी सरकार ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ से जुड़ा बिल ला सकती है, तो किसी ने ‘इंडिया’ शब्द हटाने की बात कही. यूसीसी से लेकर तमाम कई बिल को लेकर भी चर्चाएं हुई.

पर इन सभी चर्चाऔं पर विराम लगाते हुए मोदी सरकार ने संसद के विशेष सत्र का एजेंडा बता दिया हैं. सरकार के मुताबिक वो देश की आजादी के बाद संविधान सभा के गठन से लेकर 75 सालों तक की देश की यात्रा, उसकी उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा करेगी. साथ ही 4 बिल को भी मंजूरी दी जाएंगी.

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मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद के विशेष सत्र का प्रस्तावित एजेंडा जारी कर दिया है. 4 बिल का जिक्र किया गया हैं. सत्र से पहले 17 सितंबर को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई हैं. साथ ही 17 सितंबर को ही जिस दिन पीएम मोदी का जन्मदिन भी हैं.

सरकार ने बुधवार को 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के पांच दिवसीय सत्र के पहले दिन संविधान सभा से शुरू होकर संसद की 75 साल की यात्रा पर एक विशेष चर्चा सूचीबद्ध की है।. सत्र के दौरान, सरकार ने नियुक्ति पर विधेयक भी सूचीबद्ध किया है. मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों को विचार और पारित करने के लिए लिया जाएगा. यह बिल पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था.