पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए जानी जाती हैं. ममता बनर्जी की पूरी की पुरी राजनीति मुस्लिम तुष्टिकरण पर ही केंद्रित है. और सच्चाई यही है कि ममता बनर्जी मुसलमानों के लिए जो कुछ भी करती हैं वो सिर्फ वोट के लिए करती हैं.

ताकि वो अपना करीब 30 फ़ीसद वोट सुरक्षित कर सके. पर 2024 के चुनाव को देखते हुए लगता हैं ममता बनर्जी भी समझ चुकी हैं कि अब उनका सर्फ मुस्लिम प्रेस से दाल नहीं गलने वाला और इसलिए ममता बनर्डी ने एक बड़ा ऐलान किया हैं.

दरअसल, ममता सरकार ने इमाम, मुअज्जिनों और पुरोहितों की 500 रुपये मासिक सैलरी बढ़ाने का फैसला लिया हैं. मतलब अब बंगाल के इमामों को 3000 रुपये, मुअज्जिनों को 1500 और पुरोहितों को 1500 रुपये हर महीने मिलेंगे.

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अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने इमाम और मुअज्जिन के मुद्दे पर राजनीति शुरू कर दी है. यदि वह वास्तव में मुसलमानों के विकास को आगे बढ़ाना चाहती है, तो उसे बहु-क्षेत्रीय विकास के लिए जारी किए गए धन के उपयोग के बारे में सभी को सूचित करना चाहिए. उन्हें मुसलमानों के रोजगार, मुस्लिम समुदाय के बीच उद्यमियों के उदय पर प्रकाश डालना चाहिए.