वीके सक्सेना ने कई बार किया केजरीवाल सरकार के घोटालों का पर्दाफाश केजरीवाल को दिए जा रहे हैं एक के बाद एक झटके दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 23 दिसंबर को रैन बसेरों का निरीक्षण किया..सुविधाओं की कमी के कारण इस सीईओ के बाद सीईओ का भी तबादला किया गया सचिव नरेश कुमार ने सिसोदिया के कार्यालय से कई जानकारियां मांगीं जिस पर सिसोदिया भी इन तमाम झटकों के बाद भड़क गए. केजरीवाल की कुर्सी खतरे में लग रही थी.

क्या है पूरा मामला

दिल्ली सरकार और एलजी वीके सक्सेना के बीच तनातनी का दौर जारी है. पहले सीएम अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर दौरे की मंजूरी ना देना, फिर शराब नीति पर जांच बैठाना और अब टेक्निकल इंस्टीट्यूशन्स की फीस बढ़ाने वाले फैसले पर भी विवाद छिड़ गया है. दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक फैसले पर मुहर लगाई थी.

कहा गया था कि निजी संस्थाओं द्वारा जो डिप्लोमा लेवल के टेक्निकल इंस्टीट्यूशन चलाए जा रहे हैं, वहां पर फीस बढ़ाई जाएगी.उस प्रस्ताव को सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अप्रूव कर दिया था. बाद में मंजूरी के लिए उसे एलजी वीके सक्सेना के पास भेजा गया. अब उसी प्रस्ताव को एलजी ने खारिज कर दिया है. जिस फैसले को सीएम की मंजूरी थी, सरकार जिसे हर कीमत पर पास करवाना चाहती थी, उस पर अब एलजी ने रोक लगा दी है. तमाम विवादों के बीच अब ये फैसला भी दिल्ली सरकार और एलजी के बीच जारी तनातनी को बढ़ाने वाला है.इससे पहले दिल्ली सरकार की चर्चित शराब नीति पर भी एलजी ने सवाल दाग दिए थे.

असल में नई एक्साइज ड्यूटी में गड़बड़ी के आरोप हैं. आरोप है कि नई एक्साइज पॉलिसी के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. लाइसेंस देने में नियमों की अनदेखी की गई. टेंडर के बाद शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपए माफ किए गए. खास बात ये है कि इस रिपोर्ट में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं. दिल्ली का एक्साइज विभाग मनीष सिसोदिया के अधीन है. इसी मामले के जांच के आदेश एलजी द्वारा दिए गए हैं.