सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि यह मिशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक रणनीति का हिस्सा था और इसमें सेना को पूर्ण सफलता मिली। उनके इस बयान ने विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस को घेर लिया है, जिसने हाल के दिनों में इस अभियान पर सवाल उठाए थे।
ऑपरेशन सिंदूर, जिसे जून में गुप्त रूप से अंजाम दिया गया था, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने की एक सर्जिकल कार्रवाई थी। सेना प्रमुख ने कहा, “भारतीय सेना ने सरकार के निर्देश पर दुश्मनों को करारा जवाब दिया। किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधि अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब संसद का मानसून सत्र जारी है और विपक्ष लगातार ऑपरेशन पर जवाब मांग रहा था।
जनरल द्विवेदी के बयान के बाद राजनीतिक पारा चढ़ गया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस ऑपरेशन की टाइमिंग और पारदर्शिता पर सवाल उठाए थे। अब जब सेना प्रमुख ने अभियान की पुष्टि की है और इसे ‘पूर्ण सफल’ बताया है, तो विपक्ष की रणनीति पर दबाव बढ़ गया है।
इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर औपचारिक बहस की शुरुआत करेंगे। सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस बहस के लिए व्यापक रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी के वरिष्ठ सांसदों को विपक्ष की आपत्तियों का करारा जवाब देने की जिम्मेदारी दी गई है।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि सरकार इस बहस को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर जनमत को स्पष्ट करने का अवसर मान रही है। संसद में यह बहस इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि इससे आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव और राज्य विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल प्रभावित हो सकता है।
बयानबाजी और बहस के इस माहौल में आने वाला सप्ताह राजनीतिक और सामरिक दृष्टिकोण से काफी अहम होगा। अब निगाहें सोमवार को होने वाली संसद की बहस पर टिकी हैं, जहां सरकार और विपक्ष आमने-सामने होंगे।