अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कथित तौर पर नॉर्वे के वित्त मंत्री को फोन करके नोबेल शांति पुरस्कार की मांग की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें यह सम्मान नहीं मिला, तो नॉर्वे पर 15% से अधिक टैरिफ लगा दिए जाएंगे। यह कॉल तब हुई जब वित्त मंत्री ओस्लो की सड़कों पर टहल रहे थे। ट्रंप का दावा है कि वाइट हाउस के चार पूर्व राष्ट्रपति इस पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं, इसलिए वे भी इसके हकदार हैं। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़ा कर दिया है, जहां ट्रंप की नोबेल दावेदारी और व्यापार नीतियां एक साथ जुड़ गई हैं।
नॉर्वेजियन अखबार ‘दागेंस नेरिंग्सलिव’ ने अनाम सूत्रों के हवाले से बताया कि ट्रंप ने पिछले महीने नॉर्वे के वित्त मंत्री जेन्स स्टोल्टेनबर्ग से अचानक संपर्क किया। स्टोल्टेनबर्ग, जो पूर्व नाटो महासचिव भी रह चुके हैं, ने रॉयटर्स को दिए बयान में कॉल की पुष्टि की, लेकिन कहा कि बातचीत मुख्य रूप से टैरिफ और आर्थिक सहयोग पर केंद्रित थी। उन्होंने आगे की डिटेल्स साझा करने से इनकार कर दिया। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ट्रंप ने नोबेल पुरस्कार का मुद्दा उठाया और इसे टैरिफ से जोड़ा, हालांकि स्टोल्टेनबर्ग ने किसी धमकी की पुष्टि नहीं की। ट्रंप की ओर से व्हाइट हाउस ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
ट्रंप लंबे समय से नोबेल शांति पुरस्कार की दावेदारी जता रहे हैं। उन्होंने मध्य-पूर्व, भारत-पाकिस्तान, और अन्य क्षेत्रों में शांति समझौतों में अपनी भूमिका का जिक्र किया है। इजराइल, पाकिस्तान और कंबोडिया जैसे देशों ने उन्हें नामांकित किया है। ट्रंप ने जून में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा था कि वे रूस-यूक्रेन और इजराइल-ईरान जैसे मुद्दों पर काम कर रहे हैं, लेकिन पुरस्कार नहीं मिलने की शिकायत की। चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों – थियोडोर रूजवेल्ट, वुड्रो विल्सन, जिमी कार्टर और बराक ओबामा – को यह सम्मान मिल चुका है, जिसका ट्रंप अक्सर हवाला देते हैं।
इस घटना पर विशेषज्ञों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। कैपिटल टीवी के एडिटर-इन-चीफ डॉ. मनीष कुमार ने कहा, “ट्रंप की यह रणनीति उनकी साख बचाने की कोशिश लगती है, लेकिन धमकियां अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं।” राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की टैरिफ नीति पहले से यूरोपीय संघ और नॉर्वे पर दबाव डाल रही है। जुलाई में अमेरिका ने नॉर्वे से आयात पर 15% टैरिफ की घोषणा की थी, जो यूरोपीय संघ के समान है। स्टोल्टेनबर्ग ने बुधवार को कहा कि दोनों देश टैरिफ पर बातचीत जारी रखेंगे।
नोबेल शांति पुरस्कार का फैसला नॉर्वेजियन नोबेल कमिटी करती है, जिसमें पांच सदस्य नॉर्वे की संसद द्वारा नियुक्त होते हैं। हर साल सैकड़ों नामांकन आते हैं, और विजेता की घोषणा अक्टूबर में ओस्लो में होती है। इस साल 338 उम्मीदवार हैं, लेकिन ट्रंप की दावेदारी विवादास्पद बनी हुई है।
यह मामला ट्रंप की आक्रामक को उजागर करता है, जहां व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं वैश्विक व्यापार से जुड़ रही हैं। दुनिया की नजरें अब नोबेल कमिटी पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि शांति का ताज किसे मिलेगा। क्या ट्रंप की यह कोशिश सफल होगी, या इससे नए विवाद जन्म लेंगे, यह आने वाला समय बताएगा।