60 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिर वो वक़्त आ ही गया जब भारत ने चांद पर कदम रख दिया. वो भी उस जगह जहां कोई सुपर पावर देश आज तक नहीं पहुंच पाया. क्या आम क्या खास हर इंसान के लिए गर्व का पल है. देशभर में भारत के मून मिशन की कामयाबी का जश्न मनाया जा रहा हैं.

पर विपक्ष के कुछ नेता ऐसे हैं जो अब इस मिशन को लेकर राजनीति करने में उतर आए हैं. कांग्रेस पार्टी के तरफ से बार बार ये बताने की कोशिश की जा रही हैं कि ये सबकुछ जवाहरलाल नेहरु की देन हैं. इतना ही नही कांग्रेस पार्टी ने तो ईसरो के वैज्ञानिकों की सैलरी को लेकर तक सवाल ख़ड़ा कर डाला. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह कहा कि इसरो वैज्ञानिकों को 17 महीने से उनका वेतन नहीं मिला है. हालाकि, कांग्रेस के आरोपो का बीजेपी मुहतोड़ जवाब भी दे रही हैं.

lander vikram

चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद कांग्रेस और बीजेपी में लड़ाई शुरु हो गई हैं. कांग्रेस केडिट लेने की राजनीति कर रही हैं. कांग्रेस के नेता जहां देश की इस उपलब्धि का श्रेय देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दे रहे हैं तो वहीं बीजेपी चंद्रयान मिशन की कामयाबी का श्रेय अपने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को को देते हुए यह कह रही है कि चंद्रयान मिशन का सपना भाजपा के प्रधानमंत्री ने देखा था.