टैरिफ विवाद और सीमा तनाव के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी इस समय भारत दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। आज वांग यी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार यह बैठक भारत-चीन संबंधों में तनाव कम करने और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने की दिशा में अहम मानी जा रही है।

सीमा वार्ता का 24वां दौर

अपनी यात्रा के दौरान वांग यी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ विशेष प्रतिनिधि स्तर की सीमा वार्ता के 24वें दौर में भाग लिया। इस बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति बहाल करने, सीमा प्रबंधन और सैन्य तनाव कम करने पर चर्चा हुई। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद 2020 के गलवान संघर्ष के बाद से एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। यह वांग यी की गलवान घटना के बाद दूसरी भारत यात्रा है, जिससे संकेत मिलता है कि दोनों देश धीरे-धीरे संवाद की ओर बढ़ रहे हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वांग यी की मुलाकात में व्यापारिक संबंध, निवेश और टैरिफ विवाद पर चर्चा हुई। भारत और चीन के बीच हाल के वर्षों में आर्थिक तनाव बढ़ा है, खासकर जब भारत ने घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई चीनी उत्पादों पर प्रतिबंध और नियंत्रण लगाए। इस संदर्भ में वांग यी का दौरा व्यापारिक मतभेद दूर करने की दिशा में भी अहम माना जा रहा है।

पीएम मोदी से मुलाकात और SCO शिखर सम्मेलन

चीन के विदेश मंत्री बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब मोदी इस महीने के अंत में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाने वाले हैं। दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच यह कूटनीतिक संवाद आगे के द्विपक्षीय संबंधों के लिए आधार तय कर सकता है।

पाकिस्तान दौरे पर भी जाएंगे वांग यी

भारत यात्रा के बाद वांग यी पाकिस्तान भी जाएंगे। पाकिस्तान और चीन के बीच सामरिक व आर्थिक सहयोग लंबे समय से मजबूत रहा है। ऐसे में विशेषज्ञों की नजर इस बात पर भी है कि बीजिंग इस क्षेत्र में अपने संतुलन को कैसे बनाए रखेगा, खासकर तब जब अमेरिका और पाकिस्तान की नजदीकियां भी बढ़ रही हैं।

भारत और चीन के बीच हालिया वार्ताओं को दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। वांग यी और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात से सीमा विवाद और व्यापारिक तनाव पर ठोस प्रगति की उम्मीद जताई जा रही है। अब नजर इस पर होगी कि SCO शिखर सम्मेलन और पाकिस्तान दौरे के बाद बीजिंग की रणनीति क्या नया मोड़ लेती है।