मोदी सरकार ने ऐतिहासिक काम करते हिए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है. 3 आपराधिक कानूनों में बड़ा बदलाव करते हुए अब संदेश दिया है कि अपराधियों की अब खैर नहीं है. भारतीय दंड संहिता यानी IPC, दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम यानी एविडेंस एक्त में बदलाव को लेकर लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने बिल पेश किए. और अंग्रेजों की गुलामी के वक्त से चले आ रहे इन कानूनों को खत्म करने का फैसला लिया गया है.

amit shah

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक की प्रमुख विशेषताओं में धारा 124ए को खत्म करना है, जो राजद्रोह से संबंधित है, साथ ही अलगाव, सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियों, अलगाववादी गतिविधियों, या संप्रभुता को खतरे में डालने वाली गतिविधियों के लिए दंड निर्धारित करने के लिए एक नई धारा को जोड़ना है.

विधेयक में यह भी कहा गया है कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने (mob lynching) पर मौत की सजा तक की सजा हो सकती है, अमित शाह ने कहा कि यह कदम ऐसे अपराधों का बारीकी से अध्ययन करने के बाद उठाया गया है.